Literature

मॉब लिंचिंग के असल कारणों को बयां करती है ‘लिंच फाइल्स

भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या या मॉब लिंचिंग करने की घटनाओं की वजह टटोलती एक किताब सामने आई है, जिसमें यह जाने की कोशिश की गई है कि आखिर क्या

मॉब लिंचिंग पर जिया उस सलाम की बूक: दर्द से लबरेज घटनाएं!

भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या या मॉब लिंचिंग करने की घटनाओं की वजह टटोलती एक किताब सामने आई है, जिसमें यह जाने की कोशिश की गई है कि आखिर क्या

अमेरिका में सबसे अधिक लोकप्रिय कवियों में से एक जलालूद्दीन मोहम्मद रूमी !

क्या आप जानते थे कि अमेरिका में सबसे अधिक बेचे जाने वाले कवियों में से एक मुसलमान है? हां, यह आश्चर्यजनक हो सकता है लेकिन जलालउद्दीन मुहम्मद रुमी की उत्साही

उर्दू के शायर एवं इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष यूनुस देहलवी नहीं रहे, याद आएंगे शमा और सुषमा के संपादक

नई दिल्ली : मोहम्मद यूनुस देहलवी नहीं रहे। वो 89 साल के थे। वो 60 से 90 के दौर की बेहद लोकप्रिय फिल्मी पत्रिकाओं शमा और सुषमा के संपादक और

पुण्यतिथि विशेष : निदा फाज़ली- यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता….

हैदराबाद : मशहूर शायर निदा फाज़ली की आज तीसरी पुण्यतिथि है। उनका निधन 8 फरवरी 2016 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। निदा फ़ाज़ली उर्दू और हिंदी के

अरुंधति रॉय का उपन्यास ‘मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पीनेस’ अब हिंदी और उर्दू में भी उपलब्ध

अरुंधति रॉय का बहुचर्चित उपन्यास ‘द मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पीनेस’ अंग्रेजी के बाद अब हिंदी और उर्दू में भी अनूदित होकर प्रकाशित हो गया है. हिंदी में यह ‘अपार खुशी

उर्दू के लिए लेखक रहमान अब्बास को दिया गया साहित्य अकादमी अवॉर्ड!

साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित साहित्योत्सव के दूसरे दिन सबसे मुख्य आकर्षण ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2018’ के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाना था। अकादेमी द्वारा यह पुरस्कार अर्पण समारोह कमानी सभागार

साहित्य अकादमी पुरस्कार: उर्दू के लिए रहमान अब्बास और कश्मीरी भाषा के मुश्ताक़ अहमद मुश्ताक़ को सम्मानित किया गया

साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित साहित्योत्सव के दूसरे दिन सबसे मुख्य आकर्षण ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2018’ के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाना था। अकादेमी द्वारा यह पुरस्कार अर्पण समारोह कमानी सभागार

अमेरिकी लेखक ने इस्लाम को लेकर किया बड़ा खुलासा, दुनिया आश्चर्यचकित!

इस्लाम के बारे में एक बहस यह है कि यह धर्म अपने शांति और प्रेम के संदेश के कारण फैला या तलवार के ज़ोर पर? न्यूयार्क टाइम्ज़ ने एक पुस्तक

जावेद अख्तर ने ‘भारत-विरोधी’ टैग पर दागा सवाल !

कविताएं रचने के लिए उम्र का तीसवां पड़ाव ज्यादा माकूल माना जाता है. उससे पहले तो केवल कल्पनालोक में उड़ान ही भरी जा सकती है, लेकिन 16 बरस के आर्यमन