प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर नामांकन करने वाले बीएसएफ़ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव के नामांकन पत्र को जिला निर्वाचन अधिकारी ने बुधवार को खारिज कर दिया. जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने मंगलवार को तेजबहादुर यादव द्वारा पेश नामांकन पत्र के दो सेटों में कमियां पाते हुए उनसे बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा था. नामांकन रद्द होने पर यादव ने कहा कि उनके वकील राजेश गुप्ता ने कहा, हम उच्चतम न्यायालय से संपर्क करेंगे.
यादव से कहा गया था कि वह बीएसएफ से इस बात का अनापत्ति प्रमाणपत्र पेश करें, जिसमें उनकी बर्खास्तगी के कारण दिए हों. इस विषय में यादव का कहना है कि उनका नामांकन प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी के दबाव के चलते तानाशाह तरीके से रद्द कर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं नहीं चाहते कि मैं वाराणसी से उन के खिलाफ चुनाव लड़ूं.
तेजबहादुर ने कहा, मेरा आज नामांकन रद्द कर दिया गया, जबकि मैंने बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र पेश कर दिया, जिसे निर्वाचन अधिकारी ने मांगा था. यादव ने संवाददाताओं से कहा, ”मैं किसान पुत्र हूं और यहां किसानों एवं जवानों की आवाज उठाने आया हूं.”
वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार का पर्चा खारिज होने पर कहा कि जब वे राष्ट्रवाद के नाम पर वोट मांग रहे हैं तो उन्हें एक जवान का सामना करना चाहिए था. यह व्यक्ति जिसे उसकी नौकरी से बर्खास्त किया गया था, क्योंकि उसने खाना के बारे में शिकायत की थी. क्या ऐसे लोगों को रियल राष्ट्रवादी कहा जाएगा.