यूपी पुलिस की गुंडागर्दी कैमरे में हुई कैद, घर में घुसकर तोड़फोड़ की, ऐसे मिटा रही सबूत

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नागरिक संशोधन बिल को लेकर देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुआ जो बाद में हिंसक होते हुए भी दिखा। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई और प्रदर्शनों में कई मौते भी हुईं। वहीं बीते शुक्रवार यानि 20 दिसंबर को यूपी में हुए प्रदर्शन में करीब 15 लोगों की मौत हुई। मुजफ्फरनगर में स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस ने घर में घुसकर तोड़फोड़ की और घर के सद्स्यों की पिटाई भी की।

वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने इस आरोप को सरासर झूठ बताया है। पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की और गोलियां भी चलाई। इसी बीच घटना से जुड़ी विडीयो सामने आ गई है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिस ने तोड़फोड़ की और कुछ भी कैमरे में कैद न हो पाए तो इसके लिए पुलिस ने घरों मे लगे कैमरे भी तोड़ दिए। वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस ने मुजफ्फरनगर इलाके की मस्जिद की पहले खिड़की तोड़ी और मस्जिद में लगे सारे सीसीटीवी कैमरे तोड़ डाले।

कई पुलिसवालों ने घरों में लगे सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए। इलाके में रह रहे 72 साल के हामिद हसन ने बताया पुलिस पहले घर में घुसी और तोड़फोड़ करने लगी। इतना ही नहीं कई पुलिसवालों ने घर के सदस्यों के साथ मीट भी की। हामिद ने आगे बताया कि पुलिस ने उनकी 22 साल की बेटी रुकैय्या परवीन को पुलिस ने सिर पर लाठी मारी। परवीन के सिर पर 6 टांके आए हैं। पुलिस ने 72 साल के हामिद को भी नहीं बख्शा। यह हाल सिर्फ एक घर का नहीं बल्कि इलाके के लगभग सभी घर का है। इससे पहले भी ऐसी ही एक खबर बिजनौर से सामने आई थी जहां पुलिस ने घर में घुसकर तोड़फोड़ की और घर के आदमियों को हिरासत में ले लिया। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर पुलिस ही गुंडई पर उतर आए तो जनता गुहार लगाने कहां जाए।