ये तस्वीरें पहले “शम्स उल उमरा 1” के मकबरे की हैं, जो कि पैगह तोबस के पश्चिमी कोने में स्थित है।
पैगाह मकबरा का संबंध पैगाह के शाही परिवार से है, जिसे शम्स उल उमराही परिवार के नाम से भी जाना जाता है। हैदराबाद के उपनगर पीसाल बंदा में स्थित इस मकबरे को मकबरा शम्स उल उमरा के नाम से भी जाना जाता है।
इस मकबरे के निर्माण का काम 1787 में नवाब तेगजंग बहादुर ने शुरू करवाया था और फिर बाद में इसके निर्माण कार्य में उनके बेटे आमिर ए कबीर प्रथम ने हाथ बंटाया। इस ऐतिहासिक मकबरे में पैगाह की कई पीढ़ियों को दफनाया गया है।
यह अपनी वास्तुशिल्पीय बनावट के लिए भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मकबरे की वास्तुशिल्प शैली पूरे विश्व में बेजोड़ है।
मकबरे को संगमरमर के चूने से सजाया गया है और इसमें ग्रीक, पर्सियन, मुगल, राजस्थानी, असिफ जाही और दक्कनी वास्तुशिल्प का मिश्रण देखने को मिलता है। देखा जाए तो यह मकबरा शिल्पकारिता का एक बेहतरीन नमूना है।
इसमें बाद में लगाए गए संगमरमर से इसकी खूबसूरती और भी बढ़ जाती है।
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