अजीम प्रेमजी अपने शेयर का अतिरिक्त 34% दान देने का लिया फैसला

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बेंगलुरू. अजीम प्रेमजी ने विप्रो में अपनी शेयरहोल्डिंग का अतिरिक्त 34% परोपकार के लिए देने का फैसला किया है। रकम के लिहाज से यह 52,750 करोड़ रुपए बनते हैं। प्रेमजी अजीम प्रेमजी 52750 करोड़ रुपए के शेयर दान करेंगे फाउंडेशन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, “अजीम प्रेमजी ने अपनी निजी संपत्तियों का अधिक से अधिक त्याग कर और धर्माथ कार्य के लिए उसे दान देकर परोपकार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बढ़ाया है, जिससे अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के परोपकार कार्यो को सहयोग मिलेगा।”

गौरतलब है कि देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन हैं। वह अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के जरिए परोपकार के काम करते हैं। इसमें वह अब तक 1.45 लाख करोड़ रुपए दे चुके हैं। दिसंबर 2018 में विप्रो में प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी 74.3% थी।इस नई प्रतिबद्धता के साथ प्रेमजी की ओर से परोपकार कार्य के लिए दान की गई कुल रकम 145,000 करोड़ रुपये(21 अरब डॉलर) हो गई है, जोकि विप्रो लिमिटेड के आर्थिक स्वामित्व का 67 फीसद हिस्सा है।फाउंडेशन शिक्षा क्षेत्र में काम करता है, जिसका उद्देश्य पब्लिक स्कूलिंग सिस्टम की गुणवत्ता में सुधार करना और बहु-वर्षीय वित्तीय अनुदान के माध्यम से क्षेत्र में काम करने वाले अन्य गैर-लाभकारी संगठनों का समर्थन करना है।

फाउंडेशन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, ” वर्तमान में शिक्षा का कार्य क्षेत्र कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुदुचेरी, तेलंगाना और मध्य प्रदेश तक फैला हुआ है, साथ ही यह पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में भी फैला है।” समाजसेवा के लिए बनाया गया अजीज प्रेमजी फाउंडेशन मुख्यत: शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है। इसका लक्ष्य पब्लिक स्कूलिंग सिस्टम को बेहतर बनाना है। फाउंडेशन इस क्षेत्र में काम करने वाले कई एनजीओ को आर्थिक मदद भी देता है।

अजीज प्रेमजी फाउंडेशन कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राज्यों में सक्रिय है। वंचित तबकों के लिए काम कर रहे 150 से ज्यादा एनजीओ को 5 साल में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से फंड मिला है। अभी करीब 1600 लोग इसके लिए फील्ड वर्क कर रहे हैं। यह फाउंडेशन बेंगलुरू में अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी भी चलाता है। जल्द ही इस यूनिवर्सिटी को 5 हजार छात्रों और 400 शिक्षकों की क्षमता वाला बनाया जाएगा। इसके बाद उत्तर भारत में भी एक यूनिवर्सिटी खोलने की योजना है।