अदनान सामी के पद्मश्री पर विरोध जारी, नवाब मलिक ने उठाए सवाल

   

गायक अदनान सामी को पद्मश्री देने के ऐलान के बाद इसका विरोध तेज हो गया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और कांग्रेस के बाद अब एनसीपी के नेता भी इसके विरोध में उतर आए हैं। महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने पद्म अवॉर्ड को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए अदनान सामी को पद्मश्री देना मात्र एक दिखावा है। उन्होंने कहा यह भारत की जनता का अपमान है।

यह देश के लोगों का अपमान

मलिक ने एएनआई को बताया, जैसे कि पूरे देश में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे है, इसने सरकार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी क्षति पहुंचाई है। इसलिए, अदनान सामी को पुरस्कार देना भाजपा के लिए एक क्षति नियंत्रण अभ्यास के अलावा और कुछ नहीं है। मलिक ने कहा कि यह एक स्पष्ट मामला है कि अगर कोई भी पाकिस्तान से ‘जय मोदी’ का जाप करेगा, तो उसे देश की नागरिकता के साथ-साथ पद्मश्री पुरस्कार भी मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि यह देश के लोगों का अपमान है। उन्होंने कहा कि क्या भारतीय मुस्लिम पद्म पुरस्कारों के लायक नहीं हैं? मोदी सरकार यह दिखाना चाहती है कि वे पाकिस्तानी मुसलमानों को नागरिकता और पद्मश्री दे रहे हैं।

एमएनएस ने भी किया विरोध

हालांकि इसको लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने पहले आपत्ति जाहिर की है। एमएनएस ने अदनान सामी को पद्मश्री सम्मान दिए जाने को लेकर सवाल उठाया है एमएनएस की सिनेमा इकाई के अध्यक्ष एम खोपकर ने कहा है कि आखिर ऐसी क्या जल्दी हो गई कि भारत की नागरिकता लेने के चार साल के भीतर ही सामी को पद्मश्री से नवाजा जा रहा है।

जयवीर शेरगिल ने उठाए तीन सवाल

इसके अलावा कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट कर भाजपा से तीन सवाल पूछे। उन्होंने लिखा, पाक के खिलाफ लड़ने वाला भारत का सिपाही घुसपैठिए और पाक वायुसेना के अफसर के बेटे को सम्मान क्यों? पद्मश्री के लिए समाज में योगदान जरूरी है या सरकार का गुणगान? क्या पद्मश्री के लिए नया मानदंड है “करो सरकार की चमचागिरी मिलेगा तुमको पुरस्‍कार?

किया पलटवार

हालांकि इस ट्वीट का अदनान सामी ने पलटवार भी किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कितने अनपढ़ लोग हो सकते हैं जो किसी एक व्यक्ति को उसके पिता के काम के आधार पर जज कर रहे हैं। वे अपनी लाइन ऑफ ड्यूटी पर थे, और अपने देश के लिए काम कर रहे थे। यह अंतर है, राजनीतिक एजेंडा साधने के लिए बेहतर होगा कि ऐसी बकवास बातें न करें।