अपनी सरकार रहते हुए जरूरी मुद्दे कांग्रेसी नेताओं के जरिए उठाती थी- सुमित्रा महाजन

   

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और इंदौर की पूर्व सांसद ‘ताई’ सुमित्रा महाजन ने खुलासा किया कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के राज में वह अपने तत्कालीन संसदीय क्षेत्र के विकास के लिये कांग्रेस नेताओं से भी जनहित के मुद्दे उठाने को कहती थीं।

उन्होंने इसके पीछे दलील दी कि भाजपा के अनुशासन से बंधी होने के कारण वह अपनी ही पार्टी की तत्कालीन सरकार की नीतियों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कह सकती थीं। ताई के नाम से मशहूर इंदौर की पूर्व लोकसभा सांसद का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है।

महाजन ने रविवार रात यहां एक कार्यक्रम में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का जिक्र करते हुए कहा कि जब हम इंदौर का विकास करने निकलते हैं, तो अपने मन में दलगत राजनीति की भावना नहीं रखते।

उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे अवसर भी आये, जब मैं जनहित के कुछ मुद्दों पर प्रदेश में अपनी पार्टी की सरकार (शिवराज की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती भाजपा सरकार) के खिलाफ नहीं बोल सकती थी। तब मैं धीरे से उन्हें (कांग्रेस नेताओं को) बोलती थी कि वे इन मुद्दों को उठायें और इसके बाद मैं शिवराज (तत्कालीन मुख्यमंत्री) से बात कर उचित कदम उठाने को कह दूंगी

महाजन ने दावा किया कि कांग्रेस नेताओं ने इंदौर के भले के लिये उनकी बात हमेशा मानी है। इस बीच, महाजन के बयान की तारीफ करते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने सोमवार को कहा कि इंदौर की पूर्व सांसद की बात सकारात्मक अर्थों में ली जानी चाहिये।

सिलावट ने कहा कि ताई (महाजन) की हमेशा यही सोच रहती है कि इंदौर क्षेत्र के विकास में सभी दलों के नेता एक-दूसरे के सहायक बनें।