अफ्रीकी देश दक्षिणी सूडान के लोग भुखमरी के चपेट में !

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अफ्रीकी देश दक्षिणी सूडान में इस वक्त हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। इस देश में करीब 70 लाख लोग, यानी 60 फीसदी से भी अधिक जनसंख्या गंभीर भुखमरी का सामना कर रही है। ये जानकारी एक सरकारी और तीन संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब बीस लाख लोग भुखमरी के करीब हैं। लेकिन इस स्थिति को अभी अकाल घोषित नहीं किया जा रहा है।

यहां बारिश में आ रही कमी, आर्थिक संकट और सालों से चल रहे संघर्ष के कारण अभी तक करीब चार लाख लोगों की मौत हो गई है। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के हसिओ-वी ली का कहना है, “हर साल दक्षिणी सूडान में भुखमरी एक नए स्तर पर पहुंच जाती है, जिसके कारण लाखों लोग असुरक्षित महसूस करते हैं कि उनका अगला भोजन कहां से आएगा। खासतौर पर इस साल जब मई से जुलाई के बीच भुखमरी बढ़ रही है।”

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े बताते हैं कि दक्षिणी सूडान में दस लाख 80 हजार लोग आपात की स्थिति में हैं। यहां कुपोषण और मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। करीब पचास लाख लोग ऐसे हैं जो भोजन नहीं कर पा रहे हैं। साल 2019 के शुरुआत में 60 लाख के करीब लोग भूख का सामना कर रहे थे। लेकिन अब ये संख्या 60 लाख 90 हजार पर पहुंच गई है।

वहीं साल 2017 में दक्षिणी सूडान ने मानव निर्मित अकाल घोषित किया था। रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों को खाने की मदद चाहिए, उनकी संख्या में बीस लाख का इजाफा हुआ है।

सूडान में क्यों हैं ऐसे हालात?

सूडान कभी तेल और हाथी के दांत के कारण काफी मशहूर था। यहां विकास भी काफी हुआ। लेकिन ये विकास उत्तरी सूडान तक सिमटकर रह गया और दक्षिणी सूडान तक नहीं पहुंचा। जिसके कारण यहां के लोग कभी संतोषजनक नहीं दिखाई दिए। फिलहाल यहां बीते कई दिनों से लोग लोकतंत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसे दबाने के लिए यहां की सैन्य सरकार ने हिंसक कार्रवाई भी की। जिसमें बहुत से लोगों की मौत हुई है।

सूडान में महीनों से चले आ रहे विरोध प्रदर्शन के कारण बीते 30 साल से सत्ता पर काबिज रहे राष्ट्रपति उमर अल बशीर ने अपना पद छोड़ दिया था। जिसके बाद सत्ता पर सैन्य सरकार काबिज हो गई। अब प्रदर्शन कर रहे लोग लोकतांत्रिक सरकार की मांग पर अड़े हुए हैं। इन लोगों का प्रदर्शन अभी भी जारी है। हाल ही में यहां सरकार ने बंद भी बुलाया है। लेकिन इससे पहले ही सुरक्षा बल चार लोगों को मार चुके हैं।

इस देश में लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष, जातीय हिंसा और नागरिकों पर हो रहे अत्याचार के कारण तीन लाख 80 हजार लोगों की मौत हो गई है, जबकि 40 लाख लोग अपने घर छोड़कर चले गए हैं।