अब भारत बायोटेक की सुरक्षा सीआईएसएफ के जिम्मे

   

हैदराबाद, 14 जून । केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने सोमवार को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड परिसर की सुरक्षा अपने हाथ में ले ली। सीआईएसएफ को सुरक्षा पर लगाने का मकसद यह है कि भारत बायोटेक को किसी भी आतंकी खतरे या तोड़फोड़ से बचाया जा सके, जिससे जैविक आपदा हो सकती है।

सीआईएसीफ ने कोवैक्सीन बनाने वाली कम्पनी भारत बायोटेक के लिए सुरक्षा के हिस्से के रूप में एक इंस्पेक्टर-रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में 64 कर्मियों को तैनात किया है।कोवैक्सीन भारत में कोविड -19 के लिए पहला स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन है।

जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों के समूह जीनोम वैली स्थित सुविधा में आयोजित एक समारोह में अर्धसैनिक बल की टुकड़ी को शामिल किया गया।

भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला, संयुक्त प्रबंध निदेशक डॉ. सुचित्रा एला, दक्षिणी क्षेत्र के सीआईएसएफ महानिरीक्षक अंजना सिन्हा और उप महानिरीक्षक, दक्षिण क्षेत्र- द्वीतीय, श्यामला दीनावाही ने इंडक्श्न समारोह में भाग लिया।

इस अवसर पर भारत बायोटेक परिसर में सीआईएसएफ का झंडा फहराया गया।

सुरक्षा का खर्चा भारत बायोटेक वहन करेगी। भारत बायोटेक के परिसरों को सशस्त्र सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर, सीआईएसएफ के अधिकारियों ने हाल ही में सुविधा का सर्वेक्षण किया था।

भारत बायोटेक सीआईएसएफ सुरक्षा प्राप्त करने वाली 11वीं निजी कम्पनी है क्योंकि सरकार ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद निजी क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए अपनी सेवाओं का उपयोग करने का निर्णय लिया था।

बेंगलुरु, पुणे और मैसूर में इंफोसिस परिसर, नवी मुंबई में रिलायंस कॉरपोरेट आईटी पार्क और उत्तराखंड के हरिद्वार में योग गुरु रामदेव की पतंजलि फैक्ट्री परिसर में भी सीआईएसएफ सुरक्षा का काम सम्भलती है।

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