नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को कहा कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए “जन्नत” है, जबकि पाकिस्तान उनके लिए “जहन्नुम” साबित हुआ है। उन्होंने यहां 25 वें रजत जयंती समारोह और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (एनएमडीएफसी) की राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों के वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए यह बात कही। मंत्री ने दावा किया कि सरकार अल्पसंख्यकों सहित जरूरतमंदों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगारोन्मुखी कौशल प्रदान कर रही है।
विश्व स्तर पर “समावेशी विकास और सकारात्मक प्रगति” के लिए भारत को “रोल मॉडल” बनाने के लिए पीएम को श्रेय देते हुए, नकवी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता अल्पसंख्यकों और उनके आर्थिक सशक्तीकरण सहित समाज के सभी जरूरतमंद वर्गों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करनाहै। नकवी ने कहा कि विभिन्न राज्यों के मदरसों के लगभग 150 शिक्षकों को मंत्रालय द्वारा मुख्यधारा के सुरक्षा तंत्र से जोड़ने के लिए कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक, मेरिट-कम-मीन्स और अन्य छात्रवृत्ति पर भी प्रकाश डाला और बताया कि सरकार अगले पांच वर्षों में पांच करोड़ छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करेगी।
उन्होंने मास्टर कारीगरों और विशेषज्ञों को बाजार और रोजगार और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए देश भर में अगले पांच वर्षों में “हुनर हाट” आयोजित करने की घोषणा की। मंत्री ने बताया कि देश भर में वक्फ संपत्तियों का 100 प्रतिशत डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है।