अल्पसंख्यक शब्द की नयी परिभाषा तय करने का सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश!

   

उच्चतम न्यायालय ने ‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग’ (एनसीएम) को “अल्पसंख्यक” शब्द की नई परिभाषा के प्रतिवेदन पर तीन महीने के भीतर फैसला करने का निर्देश सोमवार को दिया।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने भाजपा नेता एवं वकील अश्विनी उपाध्याय से अल्पसंख्यक पैनल में अपने प्रतिवेदन को फिर से दाखिल करने का निर्देश दिया। इसपर सोमवार से तीन महीने के भीतर इस पर फैसला लिया जाएगा।

उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा था कि राष्ट्रव्यापी जनसंख्या आंकड़ों की बजाय राज्य में एक समुदाय की जनसंख्या के संदर्भ में अल्पसंख्यक शब्द को पुन:परिभाषित करने और उस पर पुन:विचार किए जाने की आवश्यकता है।

याचिका में कहा गया था कि हिंदू जो राष्ट्रव्यापी आकंड़ों के अनुसार एक बहुसंख्यक समुदाय है वह पूर्वोत्तर के कई राज्यों और जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक है।

याचिका में कहा गया कि हिंदू समुदाय उन लाभों से वंचित है जो कि इन राज्यों में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए मौजूद हैं। अल्पसंख्यक पैनल को इस संदर्भ में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द की परिभाषा पर पुन:विचार करना चाहिए।