आत्महत्याओं में आरोपी गोपाल कांडा के समर्थन से बीजेपी बनाएगी हरयाणा में सरकार !

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करीब एक दशक पहले हरियाणा की राजनीति में ‘पावर ब्रोकर’ का तमगा पाने वाले गोपाल कांडा ने सत्ता के गलियारे में अपनी पैठ फिर से बनाने की जुगत भिड़ा ली है। दो आत्महत्याओं में आरोपों का सामना कर रहे कांडा ने मंगलवार को हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के टिकट पर सिरसा से निर्दलीय उम्मीदवार गोकुल सेतिया को महज 602 वोट से हराकर जीत हासिल की।

जीत के तत्काल बाद कांडा ने बहुमत के जादुई आंकड़े से छह कदम दूर रहकर संकट में फंसी भाजपा का बिना शर्त समर्थन करने की घोषणा कर दी। गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा का दावा है कि उनके साथ पांच अन्य विधायक भी भाजपा का बिना शर्त समर्थन कर रहे हैं। देर रात कांडा एक अन्य विधायक रंजीत सिंह और सिरसा से भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल के साथ भारतीय वायुसेना बेस से एक चार्टर्ड विमान के जरिए शीर्ष भाजपा नेतृत्व से मिलने दिल्ली रवाना हो चुका था।

कांडा के इस कदम की तुलना 2009 के घटनाक्रम से की जा सकती है, जब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते कांडा ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस को समर्थन देकर सरकार गठन में अहम भूमिका निभाई थी। इसके इनाम में हुड्डा ने कांडा को कैबिनेट मंत्री के तौर पर सरकार में शामिल किया था। हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा लोकहित पार्टी का गठन कर राज्य की सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाले गोपाल कांडा को बुरी तरह पटखनी खानी पड़ी थी और उसकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।

इनेलो अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला के करीबी वकील मुरलीधर कांडा के घर 1965 में जन्मे गोपाल 10वीं कक्षा में स्कूल ड्रॉपआउट हो गया था। इसके बाद उसने रेडियो ठीक करने का काम शुरू किया। लेकिन मंत्री
बनने के बाद उसने एमडीएलआर एयरलाइंस शुरू की थी। इसी एयरलाइंस की एक पूर्व एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप कांडा पर लगा हुआ है। बाद में गीतिका की मां ने भी आत्महत्या कर ली थी और इसका भी आरोप कांडा पर ही लगा था।

सिरसा में किलेनुमा घर में रहने वाले और अजय चौटाला के करीबी कहे जाने वाले कांडा पर गुड़गांव में रियल एस्टेट का व्यापार करने के दौरान भी तमाम तरह के आरोप लगे थे। 2015 में कांडा ने बिपाशा बसु को साथ लेकर एक फिल्म भी बनाने की कोशिश की थी। हरियाणा में कांडा के प्रभाव का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि भाजपा सदस्य होने के बावजूद हरियाणवी गायिका सपना चौधरी इस बार उसके पक्ष में प्रचार करने पहुंच गई थी।