इज़राइल में खौफ़ और डर का माहौल, कहीं हमला न कर दे ईरान!

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पुरे इज़राइल में खौफ़ का माहौल है। इज़राइल को डर है कि ईरान कहीं कोई बड़ा हमला न कर दे। नेतन्याहू ने बार-बार खतरे का राग अलाप चुके हैं।

इजराइल के वायु सेना के चीफ़ एमिकाम नोरकिन ने कहा है कि ईरानी हमले की संभावना के मद्देनज़र इस्राईली वायु रक्षा प्रणाली को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

यहूदियों में डर का माहौल
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, टाइम्स ऑफ़ इस्राईल की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्राईली सेना को डर है कि सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर हुए भीषण हवाई हमलों की ही तर्ज़ पर ईरान क्रूज़ मिसाइलों और लड़ाकू ड्रोन विमानों से एक बड़ा हमला कर सकता है।

सितम्बर के महीने में सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको के दो बड़े तेल प्रतिष्ठानों पर भीषण हवाई हमले हुए थे, जिसकी ज़िम्मेदारी यमन की सेना और अंसारुल्लाह आंदोलन ने ली थी। हालांकि अमरीका और इस्राईल ने ईरान पर इन हमलों का आरोप लगाया था और उनका कहना था कि इतने बड़े पैमाने पर और सटीक रूप से हमले ईरान ही कर सकता है।

अरामको कंपनी पर हमलों के संबंध में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि अमरीका और इस्राईल दावा करते रहे हैं कि मध्यपूर्व में अगर परिंदा भी पर मारता है तो वह उनके सैटेलाइट्स की निगाहों से ओझल नहीं रह सकता, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर हमला करने वाले दर्जन भर ड्रोन विमानों के बारे में आज तक वे यह तय नहीं कर सके कि वह आए किधर से थे और फिर गए किधर?

सऊदी अरब ने इन हमलों का आरोप ईरान पर लगाने में जल्दबाज़ी से काम नहीं लिया, बल्कि उसका कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। बहुत दिन नहीं गुज़रे हैं जब इस्राईल, मध्यपूर्व के जिस देश पर चाहता था, किसी न किसी बहाने हमला कर दिया करता था, लेकिन अब वह ईरान की बढ़ती हुई सैन्य शक्ति से इतना परेशान है कि उसे सपने में ईरानी मिसाइल नज़र आते हैं।

नेतन्याहू ने बताया था खतरा
कुछ दिन पहले ही इस्राईली प्रधान मंत्री बिनयामिन नेतनयाहू ने कहा था कि हम दुनिया में जहां भी ख़तरा देखेंगे, इस्राईलियों की रक्षा के मद्देनज़र उसे हमला करके नष्ट कर देंगे, अब वही नेतनयाहू किसी विधवा की तरह विलाप कर रहे हैं कि ईरान ने हमें चारो ओर से घेर लिया है और वह हमें मिटाना चाहता है।

ईरान हमले की साजिश रच रहा है
पिछले ही हफ़्ते नेतनयाहू ने कहा था कि ईरान, यमन से इस्राईल पर हमला करने की योजना बना रहा है। इसलिए कि दक्षिण से होने वाले हमले को इस्राईली वायु रक्षा प्रणाली के लिए रोक पाना उतना आसान नहीं है, जितना उत्तर से होने वाले हमले को रोक पाना।

वहीं नोरकिन का कहना था कि हमले की चुनौती काफ़ी जटिल हो गई है। क्योंकि अब इस हमले में संयुक्त रूप से मिसाइलों, रॉकेटों और ड्रोन विमानों और क्रूज़ मिसाइलों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

बैलिस्टिक मिसाइलों के विपरीत, जो आमतौर पर लक्ष्य तक पहुंचने के लिए ऊंचाई पर उड़ते हैं, क्रूज़ मिसाइल कम ऊंचाई पर उड़ते हैं, जिनका पता लगाना और उन्हें हवा में ही मार गिराना मुश्किल होता है।