ईरान ने उल्लंघन किया तो उस पर फैसला करना हमारे अधिकार में है- संयुक्त राष्ट्र

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संयुक्त राष्ट्र संघ के उप प्रवक्ता फरहान हक़ ने बल दिया है कि सुरक्षा परिषद वह एक मात्र संस्था है जो यह फैसला कर सकती है कि ईरान का अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रम, प्रस्ताव क्रमांक 2231 का उल्लंघन है या नहीं।

अमरीकियों ने हालिया महीनों में बारम्बार यह दावा किया है कि ईरान का मिसाइल और अंतरक्षि कार्यक्रम, सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव क्रमांक 2231 का उल्लंघन है। याद रहे यह प्रस्ताव ईरान के परमाणु समझौते से जुड़ा है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने अमरीकी दावों का खंडन करते हुए कहा है कि ईरान पर थोपा गया आठ वर्षीय युद्ध ही इस बात का पर्याप्त कारण है कि ईरानी, मिसाइल क्षेत्र में किसी धमकी या लालच से प्रभावित हुए बिना , रक्षा कार्यक्रम को मज़बूती से आगे बढ़ाएं।

उन्होंने अमरीकी अधिकारियों के इस दावे को एक बड़ा झूठ बताया कि ईरान का हालिया मिसाइल परीक्षण, सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि मिसाइल क्षेत्र में ईरान की गतिविधियां, प्रस्ताव नंबर 2231 सहित सुरक्षा परिषद के किसी भी प्रस्ताव का उल्लंघन नहीं है।

विदेशमंत्री जवाब ज़रीफ़ ने भी गुरुवार को, वाशिंग्टन के इस दावे पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा था कि वाशिंग्टन, ईरान पर उस प्रस्ताव के उल्लंघन का आरोप लगा रहा है जिसका वह स्वंय उल्लंघन कर चुका है।

रूस के उप विदेशमंत्री सरगई रियाबकोफ ने भी ईरान के अंतरिक्ष व मिसाइल कार्यक्रम पर अमरीकी रुख की कड़ी आलोचना करते हुए बल दिया था कि ईरान ने मिसाइल व अंतरिक्ष परीक्षण करके कोई एेसा काम नहीं किया है जिसकी अंतरराष्ट्रीय नियमों में मनाही हो।

इस से पहले युरोपीय संघ में विदेश नीति प्रभारी की प्रवक्ता नबीला मिस्राली ने भी कहा था कि ईरान द्वारा मिसाइल परीक्षण, परमाणु समझौते का उल्लघंन नहीं है।