उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ़्ती की रिहाई पर फैसला जल्द, इस बात का है इंतजार !

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जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद एहतियातन नजरबंद किए गए मुख्यधारा के नेताओं पर सरकार जल्द फैसला ले सकती है। इनकी नजरबंदी चरणबद्ध तरीके से खत्म की जा सकती है। जी-7 सम्मेलन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेश लौटने के बाद सरकार विपक्षी नेताओं से बात कर सकती है। साथ ही राज्य के हालात की समीक्षा के बाद अन्य पाबंदियां हटाई जाएंगी।

सूत्रों ने बताया कि अलगाववादियों पर तो नहीं, लेकिन नजरबंद मुख्य धारा के नेताओं की पर सरकार विचार कर रही है। हालांकि अंतिम फैसला राज्य की ताजा स्थिति पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा। अनुच्छेद 370 खत्म करने से पहले और बाद में सरकार ने अब तक विपक्ष के साथ कोई संवाद नहीं किया है।

सूत्रों का कहना है कि सरकार अब विपक्षी नेताओं से बात करेगी। फिलहाल यह तय नहीं है कि सर्वदलीय बैठक के जरिये बातचीत होगी या सरकार के प्रतिनिधि विभिन्न दलों के नेताओं से अलग-अलग मुलाकात करेंगे। सूत्रों का कहना है कि पीएम सोमवार शाम स्वदेश लौटेंगे। इसके बाद भावी रणनीति तैयार होगी।

विपक्ष का एक धड़ा नाराज 

सरकार के लिए राहत की बात यह है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने के मामले में विपक्ष का एक बड़ा हिस्सा शांत है। हालांकि विपक्ष का एक धड़ा नाराज भी है। नाराज धड़े का मुख्य फोकस मुख्यधारा के नेताओं की नजरबंदी पर है। कांग्रेस, द्रमुक को छोड़ कर ज्यादातर दल सियासी नुकसान के डर से इस मुद्दे से दूरी बना रहे हैं। मालूम हो कि अनुच्छेद 370 खत्म करने के साथ ही केंद्र ने उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन सहित कई नेताओं को नजरबंद कर दिया।