एयर इंडिया और BPCL सहित 28 पीएसयू में मोदी सरकार बेचेगी अपनी हिस्सेदारी

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केंद्र सरकार इसी वित्त वर्ष के दौरान एयर इंडिया, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) समेत 28 सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल पर बताया कि इन पीएसयू के विनिवेश की कवायद तेज कर दी गई है। वित्त राज्यमंत्री ने कहा, कैबिनेट ने सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सरकार लंबे समय से अपने विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सरकार 17,364 करोड़ रुपये जुटा भी लिए हैं।

ये प्रमुख कंपनियां भी: सरकार ने हिस्सेदारी बेचने वाली 28 कंपनियों की सूची भी दी है। इनमें पवन हंस लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, आईटीडीसी की इकाइयां आदि प्रमुख हैं।

निवेशकों में उत्साह: पिछले हफ्ते केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि एयर इंडिया में हिस्सा बेचने को लेकर प्रगति जारी है। इसके लिए किए गए रोड-शो में निवेशकों का उत्साह देखने को मिला है। उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में एयर इंडिया में हिस्सेदारी बिक जाएगी।

प्रस्ताव मंगाए: बीपीसीएल और एयर इंडिया में हिस्सेदारी बिकना बेहद अहम है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने इन कंपनियों के लिए कानूनी सलाहकार, एसेट वैल्युअर की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भी मंगाए हैं।

पूरा हो जाएगा लक्ष्य: सरकार को उम्मीद है कि एयर इंडिया और बीपीसीएल की हिस्सेदारी बिकने से करीब एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का लक्ष्य पूरा हो जाएगा। हालांकि बीपीसीएल में हिस्सा बेचने को लेकर अभी कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली है। सूत्रों से यह भी बता चला है कि बीपीसीएल के विनिवेश का प्रस्ताव भी केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। इसे आने वाले दिनों में मंजूरी मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है।

1.05 लाख करोड़ इस वित्त वर्ष में जुटाने का लक्ष्य रखा
17,364 करोड़ रुपये जुटा भी लिए केंद्र सरकार ने

खर्च की भरपाई होगी
सरकार ने पिछले दिनों कई मदों में कर छूट का ऐलान किया है। वहीं, जीएसटी के संग्रह में महीने दर महीने गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में विनिवेश के जरिए ही केंद्र सरकार खर्च की भरपाई के लिए कमाई के रास्ते तलाश रही है।

पांच में निवेश का काम पूरा
ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, एयएससीसी इंडिया, नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और ग्रामीण विद्युतीकरण कॉरपोरेशन में विनिवेश पूरा कर लिया गया है।