कोरोना- मुस्लिम युवक ने अब तक 220 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया

,

   

कोरोना महामारी में संवेदना और असंवेदना के भी रूप दिखे। कई मामले ऐसे भी सामने आए कि मृतक के परिवार ने उसका अंतिम संस्कार करने से भी मना कर दिया। वहीं, कुछ लोगों ने मानवता का उदाहरण भी पेश किया और इन्हीं में से एक हैं गुजरात के अंकलेश्वर के श्मशान गृह में तैनात इरफान मलिक, जो अब तक ऐसे ही 220 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं।

कोविड श्मशान में तैनात टीम का हिस्सा हैं इरफान
अंकलेशवर के कोविड श्मशान में कोरोना संदिग्ध या फिर पॉजिटिव मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए 5 लोगों की टीम तैनात की गई है। इरफान भी इसी टीम का हिस्सा हैं। इरफान पिछले 5-6 महीनों से श्मशान गृह में लकड़ियों के इंतजाम से लेकर अग्निदाह तक की सारी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। वे खुद ही अब तक 220 से अधिक मृतदेह का अंतिम संस्कार कर चुके हैं।

कई संस्थाओं ने सम्मानित किया
इरफान ने बताया कि कई शव ऐसे होते हैं, जिनके परिजन शव को हाथ भी लगाने को तैयार नहीं होते हैं। ऐसे शवों का हमारी ओर से ही हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाता है। इसमें हमें खुशी मिलती है। बुधवार को इरफान के सराहनीय कार्यों को लेकर विभिन्न संस्थाओं की ओर से सम्मान-पत्र देकर सम्मानित किया जा चुका है।