क्या पुरी दुनिया में आतंकवाद को लेकर बदनाम है पाकिस्तान?

   

दुनिया भर में आतंकवादी और भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन, एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अपनी “ग्रे लिस्ट” से न हटाने का फैसला किया. कहा आतंकवाद पर काबू पाने के लिए नहीं उठाए जरुरी कदम.

पेरिस स्थित वित्तीय एक्शन टास्क फोर्स, एफएटीएफ का कहना है कि पाकिस्तान ने अभी तक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को मिलने वाली वित्तीय मदद को रोकने के लिए ज्यादा कदम नहीं उठाए हैं. संस्था ने इसका अर्थ यह निकाला कि पाकिस्तान को इस्लामिक स्टेट, अलकायदा और अन्य आतंकवादी संगठनों से होने वाले खतरों का अंदाजा नहीं है.

एफएटीएफ ने कहा कि वह इस दिशा में पाकिस्तान के साथ काम करता रहेगा लेकिन फिलहाल उसे अपनी “ग्रे लिस्ट” से नहीं निकालेगा. एफएटीएफ की “ग्रे लिस्ट” में वे देश होते हैं जो आतंकवाद को रोकने के लिए जरुरी और पर्याप्त कदम नहीं उठा पाते हैं.

एफएटीएफ ने पाकिस्तान से अपनी कार्य योजना को तेजी से पूरा करने का आग्रह किया और कहा कि देश विशेष रूप से मई 2019 की समयसीमा में दिए हुए कामों पर ध्यान दे. पाकिस्तान के पश्चिमी सहयोगी उससे लंबे समय से आतंकवादी समूहों पर अंकुश लगाने पर जोर दे रहे हैं.

इस लिस्ट में रहने की वजह से पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार से कर्ज लेना और मुश्किल हो जाएगा. खासतौर पर इस वक्त देश कि अर्थव्यवस्था खराब चल रही है. हालांकि इस लिस्ट की कोई कानूनी बाध्यता नहीं होती मगर अंतरराष्ट्रीय रेगुलेटर और वित्तीय संस्थान कर्ज देने से पहले ज्यादा सावधान रहते हैं. इससे देश के व्यापार और निवेश पर बुरा असर पड़ सकता है.

साभार- ‘डी डब्ल्यू हिन्दी’