चंद्रबाबू नायडू घर में ही नजरबंद, कहा आप हमें गिरफ्तार करके नियंत्रित नहीं कर सकते

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पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे एन लोकेश को बुधवार को विजयवाड़ा में नजरबंद कर दिया गया था, क्योंकि वे टीडीपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ वाईएसआरआर कार्यकर्ताओं द्वारा कथित हमलों के विरोध में गुंटूर के अटमाकुर में एक रैली का नेतृत्व करने वाले थे। आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक डी गौतम सवांग ने मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्यम से एक बयान जारी किया, कि नायडू को “निवारक हिरासत” में लिया गया है, क्योंकि “उनकी हरकतें तनाव बढ़ा रही हैं और गुंटूर जिले के पलनाडु क्षेत्र में कानून व्यवस्था में गड़बड़ी पैदा कर रही हैं।” कृष्णा जिला पुलिस ने उडावल्ली में नायडू के आवास के दरवाजों पर ताला लगा दिया और उनके काफिले को घर से बाहर नहीं निकलने दिया। लोकेश जिसने दूसरे वाहन में जाने की कोशिश की, उसे भी हिरासत में लिया गया और वापस घर भेज दिया गया। कई TDP नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया।

अपने आवास के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए, नायडू ने कहा कि पिछले 100 दिनों में टीडीपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हमलों की 500 से अधिक घटनाएं हुईं। “यह सरकार मानवाधिकारों और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। यह सरकार अपने लोगों की सुरक्षा करने में विफल रही है। एससी, एसटी से जुड़े कम से कम 125 लोग, अल्पसंख्यक, वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं के हमले के डर से अतामाकुर से भाग गए हैं। भागने वालों में महिलाएं और बच्चे भी हैं। आज, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने चलो अत्तमाकुर पर प्रतिक्रिया दी है। मैं इस सरकार को चेतावनी दे रहा हूं, आप हमें गिरफ्तार करके नियंत्रित नहीं कर सकते। आप इस तरह की राजनीति नहीं खेल सकते। सरकार ने तेदेपा के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन जैसे ही मैं कर सकता हूं, मैं अतामाकुर जाऊंगा।

दरअसल, आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने आज यानी बुधवार से प्रदर्शन का आह्वान किया है, जिसके बाद राज्य के गुंटूर जिले के पलनाडु क्षेत्र में पुलिस ने प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए हैं। टीडीपी ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) द्वारा अपने कार्यकताओं पर ‘बढ़ते हमले’ के विरोध में मार्च का आह्वान किया है, जिसके बाद वाईएसआरसीपी ने भी एक जवाबी मार्च करने की योजना बनाई है। पुलिस महानिदेशक गौतम सवांग ने मंगलवार को यहां कहा कि क्षेत्र में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 और पुलिस अधिनियम की धारा 30 लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इसके बाद से अब क्षेत्र में किसी भी प्रकार की कोई भी बैठक, रैली, जुलूस और प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है।