जम्मू-कश्मीर में रक्तपात युग का अंत, कश्मीर स्वर्ग था स्वर्ग रहेगा!

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इंद्र वशिष्ठ, जम्मू-कश्मीर में लंबे रक्तपात भरे युग का अंत संविधान के अनुच्छेद 370 के हटने से होगा। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की जड़ धारा 370 है।

धारा 370 के कारण ही कश्मीर में भ्रष्टाचार फला-फूला फैला। ग़रीबी बढ़ी लोग गुरबत में जी रहे हैं। यह धारा महिला और दलित विरोधी है।

गृहमंत्री अमित शाह ने साल 1989 से 2018 तक रक्तपात के कारण मारे गए 41849 लोगों को याद करते हुए कहा कि अगर यह धारा नहीं होती तो उनकी जान नहीं जाती।

इस धारा ने कितना नुक़सान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों का किया ?

इसका उदाहरण हैं कि विभाजन के दौरान पाकिस्तान से आए जो शरणार्थी कश्मीर में गए उनको आजतक वहां की नागरिकता नहीं मिली वे वहां पार्षद तक नहीं बन सकते। पाकिस्तान से आए शरणार्थी देश में प्रधानमंत्री ( मनमोहन सिंह और इंद्र कुमार गुजराल) तो बन सकते है लेकिन कश्मीर में पार्षद नहीं बन सकता।

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और राज्य के पुनर्गठन के संकल्पों, बिलो पर राज्य सभा सदस्यों ने जो शंकाएं और विचार रखे उनका जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में यह बात कही।

गृहमंत्री ने कहा कि लोगों को आरोग्य और शिक्षा की सुविधा नहीं मिली। जम्मू-कश्मीर की जनता जम्हूरियत लोकतंत्र चाहती है। धारा 370 के कारण तीन परिवारों के शासन ने जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूत नहीं होने दिया।

धारा 370 भ्रष्टाचार और गरीबी के लिए जिम्मेदार है।

2004 से 2018 तक 277000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार द्वारा दिया गया। हजारों करोड़ भेजा गया लेकिन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। कोई एजेंसी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए वहां नहीं है

इस धारा के कारण भ्रष्टाचार को कंट्रोल करने वाली एजेंसी की कश्मीर में एंट्री नहीं हैं।

तीन सियासतदानों के परिवार से जुड़े लोगों ने सीमेंट की एजेंसी ले ली। सीमेंट 100 रुपए प्रति बोरी महंगी है। इन तीनों सियासतदां परिवारों से आशीर्वाद प्राप्त व्यक्ति ही वहां बिजनेस कर सकता है। राष्ट्रपति शासन लागू करने के बाद अब इनकी जांच शुरू हो रही हैं। अमित शाह ने कहा कि इसलिए ये हो हल्ला हो रहा है ये हो हल्ला कश्मीर के लिए नहीं हो रहा है।

पर्यटन —

पर्यटन भी इस धारा के कारण नहीं बढ़ा क्योंकि कोई भी अच्छा होटल वहां जमीन नहीं खरीद सकता है।
कोई भी इंडस्ट्री उद्योग लगाना चाहता है तो कैसे लगा सकता है इस धारा को हटाने का विरोध करने वाले मुझे समझा दें।

इस धारा से घाटी के लोगों, युवाओं का कोई भला नहीं होने वाला है सिर्फ सियासतदानों का भला होता है।
हेल्थ की हालत भी वहां खस्ता है। प्राइवेट अस्पताल वहां नहीं बन सकता है

अमित शाह ने कहा कि इस धारा की वकालत करने वाले बताएं कि कौन डाक्टर वहां जाएगा जिसे घर जमीन खरीदने की अनुमति नहीं, मतदान का अधिकार नहीं।

शिक्षा —

6 से14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिला लेकिन कश्मीर के बच्चों को नहीं मिला। इस धारा के हटने से अब शिक्षा का अधिकार मिलेगा।

अमित शाह ने कांग्रेस को आईना दिखाया–

कांग्रेस द्वारा इस बिल को अचानक लाए जाने और असंवैधानिक बताया जाने पर अमित शाह ने कांग्रेस को आईना दिखाया।

अमित शाह ने कहा हम तो राष्ट्र हित का बिल लाए हैं। आप (कांग्रेस) तो इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से इंदिरा गांधी को बचाने के लिए संवैधानिक सुधार बिल उसी दिन लाए और पारित किया। आप हमें उपदेश दे रहे हैं।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अब कश्मीर में इंटरस्टेट शादियां हो रही। इसका जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर की लड़की किसी उड़ीया वासी से शादी करती है तो उसे और उसके बच्चों को अधिकार मिलता है क्या ?

अमित शाह ने कहा विपक्ष कहता है कि धारा 370 हटाने से ” ये हो जाएगा वो हो जाएगा “। लेकिन मैं कहता हूं कि “कुछ नहीं होने वाला”।

गृहमंत्री ने कहा कि हमारी पॉलिसी को ठीक नहीं कहने वाले बताएं कि किस की नीति जिम्मेदार है 41849 लोगों के मारे जाने के लिए। साल 1989 से आतंकवाद शुरू हुआ। आतंकवाद पनपा, बढ़ा चरम पर पहुंचा।

हुर्रियत, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, घुसपैठियों सबने कश्मीरी युवाओं को गुमराह किया।

अमित शाह ने कहा धारा को हटाने का विरोध करने वाले कह रहे हैं कि रक्तपात हो जाएगा।

आप क्यों ऐसी शुभकामनाएं देते हैं । हम एक प्रयोग कर रहे हैं ऐसे में आप कहें कि सब अच्छे से शांति से हो जाए।

कश्मीर के युवाओं को अनपढ़ रख कर जो उकसाते और जो इस धारा की वकालत करते हैं। उनके बेटे बेटी लंदन, अमेरिका में पढ़ते हैं ।

कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त कराने के लिए धारा हटाना जरूरी है । कश्मीर के युवाओं को गले लगाना चाहते हैं ।शेष भारत की तरह कश्मीर में भी विकास करना चाहते हैं।

अमित शाह ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि चिंता मत करो ये धारा घिसते घिसते घिस जाएगी। लेकिन कांग्रेस उसे बड़े जतन से संभाल कर रखें रही।

महाराजा हरि सिंह ने 27-10-1947 को कश्मीर का भारत में विलय किया था। धारा 370 साल 1949 में आई। इस धारा का कश्मीर के भारत में विलय/ जुड़ाव से कोई लेना देना नहीं है।

यह धारा सिर्फ तीन सियासतदानों के परिवारों को प्रोटेक्ट करता है। इन परिवारों ने इतने सालों तक जम्मू कश्मीर को लूटा है

यह धारा भारत के तो हित में है ही नहीं कश्मीर घाटी के भी हित में नहीं है।

कब तक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा ?

अमित शाह ने कहा कि मैं आश्वस्त करता हूं कि जैसे ही सामान्य परिस्थिति हो जाएगी उसे उचित समय पर राज्य बनाएंगे। कश्मीर स्वर्ग था और स्वर्ग रहेगा।

गृहमंत्री ने कहा कि 70 साल धारा 370 के साथ जिए। हमें 5 साल दे दीजिए हम कश्मीर को सबसे विकसित राज्य बना देंगे। कश्मीरी युवाओं को कहा कि 5 साल में परिवर्तन आएगा। कश्मीर को हंसता खेलता देखेंगे

अपने वोट बैंक के लिए यह धारा हटाने के आरोप पर अमित शाह ने कहा कि संसद तो क्या जब हम म्युनिसिपैलिटी में भी नहीं थे तब से धारा 370 को हटाना हमारे घोषणा पत्र में था क्योंकि हम मानते हैं कि यह गलत है।

कुछ दलों ने एनजीओ की ब्रिगेड बना रखी हैं जो इस धारा को हटाने को अदालत में चैलेंज करेंगे। लेकिन लीगल स्कूटनी में कुछ नहीं होने वाला।

गृहमंत्री अमित शाह ने 5-8-2019 की सुबह 11-15 बजे धारा 370 को हटाने और जम्मू कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के ऐतिहासिक संकल्पों और बिलो को राज्य सभा में पेश किया।

राज्य सभा सदस्यों ने जो शंकाएं, विचार रखे और स्पष्टीकरण मांगा उनका जवाब गृहमंत्री ने शाम 5.36 बजे दिया।

राज्य सभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के पास होते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमित शाह की पीठ थपथपाई।

जम्मू-कश्मीर की पीडीपी के दोनों सांसदों ने राज्य सभा में इसका विरोध किया। संविधान की प्रति भी फाड़ दी। जिसके बाद दोनों सांसदों को सदन से बाहर निकाल दिया गया।