तीन तलाक़ और हलाला के खिलाफ़ आवाज़ उठाने वाली महिला ने काज़ी के खिलाफ़ केस दर्ज!

   

बरेली के थाना बारादरी में पिछले साल जुलाई के महीने में आला हजरत फाउंडेशन की अध्यक्ष निदा खान की ओर से दो एफआईआर दर्ज कराई गई थीं। एक एफआईआर तो उन्हें इस्लाम से खारिज कर सामाजिक बहिष्कार का फतवा देने वाले शहर इमाम, काजी और पति के खिलाफ दर्ज कराई गई थी।

जबकि दूसरी एफआईआर तीन तलाक और हलाला पीड़ित औरतों के मामले उठाने को लेकर उनकी चोटी काटकर उन्हें देश से बाहर खदेड़ देने का एलान करने वाले फैजाने मदीना कौंसिल चलाने वाले मोइन सिद्दीकी और निदा के पति के खिलाफ दर्ज हुई।

इन दोनों मामलों में बारादरी पुलिस ने शहर इमाम, काजी, चोटीकटवा मोइन और निदा के शौहर शीरान रजा खां के खिलाफ चार्जशीट लगा दी है।

निदा खान के खिलाफ 16 जुलाई 2018 को बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फतवा जारी किया गया था। इसमें उन्हें इस्लाम से खारिज करने, उन्हें जिंदा न रहने देने, उनकी मौत के बाद किसी भी मुसलमान को जनाजे में न जाने का हुक्म दिया गया था। साथ ही किसी भी कब्रिस्तान में उनके मृत शरीर को दफन न करने की बात कही गई थी।

अमर उजाला पर छपी खबर के मुताबिक, निदा ने एसएसपी से शिकायत की तो इस मामले में 25 जुलाई 2018 को शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम, काजी आफताब रिजवी और पति शीरान रजा खां के खिलाफ थाना बारादरी में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

आरोप था कि इस फतवे के बाद लोग उन्हें और उनके परिवार को घृणा की दृष्टि से देखने लगे। बारादरी के विवेचक एसआई राकेश सिंह ने इस मामले में नौ जनवरी को शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम, काजी आफताब रिजवी और पति शीरान रजा खां के खिलाफ चार्जशीट लगा दी है।