दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने सुप्रीम में कहा, आसाराम को जमानत मिलने से हमें जान का खतरा

   

नई दिल्ली, 10 जून । दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने जेल में बंद आसाराम बापू की जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

अधिवक्ता उत्सव बैंस के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया है कि आसाराम अत्यधिक प्रभावशाली हैं और उनके राजनीतिक संबंध हैं और साथ ही आसाराम के पास लाखों अंधभक्त हैं।

पीड़िता के पिता ने अपनी याचिका में कहा है कि आसाराम ने हत्यारे कार्तिक हलदर को हायर किया था, जिसने चश्मदीदों को मार डाला और हमला किया। उसने पुलिस के सामने कबूल किया कि बापू ने हत्या करने के आदेश दिए थे।

पीड़िता के पिता ने अपनी याचिका में दलील दी कि सुनवाई के दौरान उसे और उसके परिवार के सदस्यों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।

याचिका में पीड़िता के पिता ने दावा करते हुए कहा है कि 10 चश्मदीदों पर हमला किया जा चुका है और उनमें से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। आशंका जताई गई है कि अगर आसाराम को जमानत दी जाती है तो वह दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार से बदला लेगा।

याचिका में कहा गया है कि किराए के हत्यारे हलदर ने पुलिस के सामने कबूल कर लिया है कि उसने आसाराम के आदेश पर प्रमुख प्रत्यक्षदर्शी अखिल गुप्ता को गोली मार दी थी और उत्तर प्रदेश पुलिस ने अभी तक उससे पूछताछ या गिरफ्तार नहीं किया है।

याचिका में जमानत का पुरजोर विरोध करते हुए कहा गया है कि आसाराम उनकी बेटी और परिवार के सदस्यों को मार सकता है।

नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम ने हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद एक आयुर्वेद केंद्र में इलाज के लिए जमानत की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है।

राजस्थान सरकार ने भी उसकी जमानत का विरोध करते हुए कहा है कि आसाराम इलाज कराने की आड़ में अपनी हिरासत की जगह बदलना चाहता है।

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