देवबंद और बरेलवी मौलवी भी सेना में धर्मगुरु बनेंगे, 100 से ज्यादा मदरसों की लिस्ट बनाई गई !

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बरेली- मजहबी मामलों की जानकारी रखने वाले नौजवान अब सेना में भी हुनर दिखाएंगे। केंद्र सरकार ने देवबंद दारुल उलूम के बाद सुन्नी बरेलवी मसलक के उलेमा से भी संपर्क साधा है।

बरेलवी मसलक के 100 से ज्यादा आलिम, कामिल लोगों की सूची केंद्र सरकार ने मांगी है। ऐसे डिग्रीधारक युवाओं को सेना में धर्मगुरु बनाने की पहल शुरू हो गई। बरेलवी मसलक के उलेमा ने प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की सराहना की है।

सुन्नी बरेलवी मुसलमानों का सबसे बड़ा मरकज बरेली को कहा जाता है। यहां पर बड़े मजहबी रहनुमा ने दुनिया भर में बरेली की पहचान बनाई है। तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा है कि केन्द्र सरकार के दूत की हैसियत से सेना के जनरल देवबंद गए थे, जिसका हम स्वागत करते हैं।

बटालियन में हर धर्म के लोग करते हैं इबादत : बता दें कि सेना में पंडित, पुजारी, गोरखा पंडित, मौलवी सुन्नी और शिया, पादरी, ग्रंथी नियुक्त होते हैं। इनका काम बटालियन में स्थित धार्मिक स्थलों में पूजा या इबादत कराना होता है।

*100 से ज्यादा मदरसों से मौलवी की लिस्ट बनाई गई