न्यूज़ीलैंड मस्जिदों पर हमला: बुलाई जा सकती है OIC की आपात बैठक!

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न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर की दो मस्जिदों में हुए आतंकी हमले में 50 लोगों की शहादत पर जहां दुनिया भर में रोष व्यक्त किया जा रहा है वहीं ईरान ने इसपर कड़ा रुख अपनाते हुए ओआईसी की आपात बैठक बुलाए जाने की मांग की है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने न्यूज़ीलैंड में शुक्रवार को दो मस्जिदों पर हुए आतंकवादी हमले में 50 नमाज़ियों के शहीद होने और 50 अन्य के घायल होने की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है।

उन्होने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) से आह्वान किया है कि वह न्यूज़ीलैंड के मुसलमानों के नरसंहार पर एक आपातकालीन सत्र आयोजित करे।

मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने तुर्की के विदेश मंत्री मौलूद चावुश ओग़लू, जिनका देश ओआईसी का वर्तमान अध्यक्ष है, उनसे टेलीफ़ोन पर वार्ता की है। ज़रीफ़ ने चावुश ओग़लू से इस जघन्य अपराध पर मुस्लिम राष्ट्रों से अपनी चुप्पी तोड़ने और इसपर उचित प्रतिक्रिया का आह्वान किया।

ईरानी विदेश मंत्री ने न्यूज़ीलैंड में हुए आतंकवादी हमले के साथ-साथ इस्राईली सैनिकों और चरमपंथी यहूदियों द्वारा मुसलमानों के पहले क़िब्ले मस्जिदुल अक़्सा के बारमबार किए जा रहे अनादर की ओर इशारा करते हुए कहा कि, ओआईसी तुरंत राष्ट्राध्यक्षों या विदेश मंत्रियों के स्तर की एक आपातकालीन बैठक आयोजित करे।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, ज़रीफ कई बार पश्चिमी देशों में इस्लामोफ़ोबिया को समाप्त करने का आह्वान कर चुके हैं। उन्होंने इस संबंध में कहा कि “क्राइस्टचर्च में हुए आतंकी हमले से पूरा ईरान गहरे सदमे में है और दुखी है, लेकिन हम हैरान नहीं हैं।

अमेरिका ने कई मुस्लिम देशों के नागिरकों की अमेरिका यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और फ्रांसीसी स्कूलों में इस्लाम धर्म का पालन करने की अनुमति नहीं है, हम ईरानियों को यह भी अच्छी तरह से पता है कि इस्लाम के ख़िलाफ़ किस तरह की नफ़रत फैलाई जा रही है।”

उल्लेखनीय है कि न्यूज़ीलैंड की मस्जिदों पर आतंकवादी हमला करने वाला आतंकी ब्रेंटन टैरेंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का समर्थक है और उसने आतंकी हमले से पहले ट्रम्प की जमकर तारीफ़ की है।

ज्ञात रहे कि शुक्रवार को न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में दो मस्जिदों पर एक आतंकवादी ने अंधाधुंध फ़ायरिंग करके हमला किया था जिसमें 50 लोग शहीद हुए और 50 के क़रीब घायल हुए हैं।