न्यूजीलैंड में आतंकी घटना को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी 5 अप्रैल तक हिरासत में भेजा गया

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न्यूजीलैंड में गोलीबारी के संदिग्ध ब्रेंटन टैरेंट (28) को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया। उस पर हत्या का आरोप है। उसे 5 अप्रैल तक हिरासत में भेजा गया। इस बीच न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने कहा है कि देश के गन कानून में बदलाव होगा। क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों अल-नूर और लिनवुड में शुक्रवार को दोपहर की नमाज के दौरान हमलावर ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 40 लोग मारे गए। इसमें बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी बाल-बाल बच गए थे। हमले में 9 भारतीय/भारतीय मूल के लोगों के लापता होने की खबर है।

कोर्ट में आरोपी को हथकड़ी लगी हुई थी
ब्रेंटन को कोर्टरूम में हथकड़ी लगी हुई थी। वह ऑस्ट्रेलियन मूल का फिटनेस इंस्ट्रक्टर है। कोर्ट ने उसने खुद को फासिस्ट बताया और जमानत के लिए आग्रह भी नहीं किया।

गन कानून में बदलाव होगा: आर्डर्न
प्रधानमंत्री आर्डर्न ने कहा, ”मुझे बताया गया कि मुख्य अपराधी ने 5 बंदूकों का इस्तेमाल किया, उसके पास इनका लाइसेंस था। आरोपी ने लाइसेंस नवंबर 2017 में हासिल किए थे। इस गंभीर घटना को देखते हुए मैं कह सकती हूं कि अब हमारा गन कानून बदल जाएगा।” 2005, 2012 और 2017 में न्यूजीलैंड में गन कानून को बदलने के प्रयास किया गया था।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि ब्रेंटन ने दुनियाभर में यात्रा की और न्यूजीलैंड में कुछ-कुछ अवधियों में समय बिताया। वह क्राइस्टचर्च का रहनेवाला नहीं है।

हमलावर ने फेसबुक पर लाइव किया था कत्लेआम

ब्रेंटन ने मस्जिद में घुसने से पहले ही फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग की थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए फुटेज में हमलावर को मस्जिद के अंदर घुसकर लोगों पर गोलियां बरसाते देखा गया। हालांकि, घटना के बाद फेसबुक और ट्विटर ने यह वीडियो ब्लॉक कर दिया। गोलीबारी के बाद हमलावर ने वापस अपनी कार में बैठकर बंदूक के अटकने और लोगों को आसानी से मारने के बारे में भी बात की। ब्रेंटन ने खतरनाक मंशा वाला 37 पन्नों के एक मैनिफेस्टो भी लिखा था।

दो साल से साजिश हो रही थी
शुक्रवार को जो हमला हुआ, उसकी साजिश दो साल से रची जा रही थी। ब्रेंटन ने गुरुवार यानी हमले के करीब 24 घंटे पहले धमकी भी दी थी। उसने फेसबुक पोस्ट लिखा था, ‘हम आक्रमणकारियों पर हमला करेंगे। इसे फेसबुक पर लाइव दिखाएंगे।’ वह नॉर्वे के आतंकी एंडर्स बहरिंग ब्रेविक का समर्थक है। ब्रेविक ने 2011 में नॉर्वे में कार बम हमला कर 72 लोगों की जान ली थी।

प्रत्यक्षदर्शी ने कहा- मरने की एक्टिंग की, इसलिए बच गया
प्रत्यक्षदर्शी फरीद अहमद ने बताया, “नमाज से ठीक पहले एक हथियारबंद आदमी आया। उसने दरवाजा बंद किया और फायरिंग शुरू कर दी। लोग दूसरी तरफ भागे। मैं भाग नहीं पाया। मेरे पास के लोगों को गोलियां लगीं। खून फर्श पर बहने लगा। मेरे कपड़ों पर भी खून लग गया। मैं वहीं बेंच के नीचे लेट गया। मुझे लगा कि मारा जाऊंगा। हमलावर एक-एक कर लोगों को मारने लगा। मेरे बदन पर खून देखकर उसे लगा कि मैं मर चुका हूं। उसने उस कम्पार्टमेंट में 7 बार राइफल की मैगजीन खाली की। फिर अगले कंपार्टमेंट में चला गया। मैं खड़ा हुआ तो देखा कि मेरे आसपास दो दर्जन से ज्यादा लाशें थीं। मेरे सिवाए कोई भी जिंदा नहीं बचा था।”