परीक्षाओं में ढंग का पेपर तक नहीं बना पा रहा है आयोग, प्रश्नपत्र में पूछे जा रहे हैं गलत प्रश्न

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हरियाणा लोक सेवा आयोग में हो रही अनियमितताओं से आक्रोशित छात्रों ने आज युवा-हल्लाबोल के बैनर तले पंचकुला में प्रदर्शन किया। ज्ञात हो कि युवा-हल्लाबोल देश में बेरोज़गारी के खिलाफ चल रहा एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन है। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे युवा-हल्लाबोल संस्थापक अनुपम ने आयोग को अयोग्य करार दिया।

साथ ही अनुपम ने घोषणा किया कि हरियाणा लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के लिए युवा हल्लाबोल जल्द ही एक 24*7 हेल्पडेस्क खोलेगा। अभ्यर्थी अपनी समस्या हेल्पलाइन नंबर 9810408888 पर फ़ोन कर के बता सकते हैं।

बताते चलें कि इन अनियमितताओं के खिलाफ अभ्यर्थी लंबे समय से अपना विरोध सोशल मीडिया के माध्यम से दर्ज करवा रहे थे। बेरोज़गार युवाओं ने पत्र लिखकर आयोग को अपनी परेशानी के बारे में भी बताया था। इसके अलावा आयोग को कई ज्ञापन देने के बाद भी अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। इन्हीं कारणों से असंतुष्ट छात्र आज सड़क पर आने को मजबूर हो गए।

बेरोज़गारी के खिलाफ चल रहे राष्ट्रीय आंदोलन युवा-हल्लाबोल ने आयोग के कर्मचारियों की सद्बुद्धि के लिए हवन करवाया। हवन में अभ्यर्थियों ने अपनी डिग्री की प्रति जलाते हुए रोष व्यक्त किया और कहा कि जब आयोग नौकरी देने में ही विफल है तो इन डिग्रीयों का क्या महत्व।

युवाओं का कहना है कि “एक सफाई अभियान हरियाणा लोक सेवा आयोग के लिए भी होनी चाहिए। अब इस आयोग की हर परीक्षा में धांधलियों के नए किस्से सामने आ रहे हैं। ये दर्शाता है कि प्रदेश सरकार युवाओं के भविष्य के प्रति कितनी असंवेदनशील है।”

HCS अभ्यर्थी स्वेता धूल ने आरोप लगाया है कि जब हम युवा आयोग को कोर्ट में लेकर जाते है तो वहां आयोग मंहगे से महंगा प्राइवेट वकील करता है, जबकि हमारे पास पैसे ना होने के कारण हम अच्छा वकील भी नहीं कर पाते। जब सरकार के पास सरकारी वकील है तो प्राइवेट वकील क्यो करती है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्राइवेट वकील करने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने के बाद भी आयोग की तरफ से हर बार प्राइवेट वकील ही क्यो पेश किया जा रहा है?

बताते चलें कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में हुए असिस्टेंट प्रोफेसर मैथ, संस्कृत, फिजिक्स व साइकोलॉजी की 2016-17 में कराई गई परीक्षा को रद्द कर दिया है। क्योंकि प्रश्न पत्र में बहुत ही ज्यादा गलतियां थी इसी तरह कोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी और जियोग्राफी की भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया है।

हाल ही में असिस्टेंट प्रोफेसर एग्जाम इंग्लिश विषय का जो 2019 में कराया गया था को भी कैंसिल कर दिया गया है क्योंकि परीक्षा का प्रश्नपत्र यूजीसी नेट 2007 का पेपर उठाकर दे दिया था।

इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर ज्योग्राफी में भी अनियमितताएं पाई गई है जिसमें एक ही कतार के ज़्यादातर रोल नंबर का सिलेक्शन हुआ है।

असिस्टेंट प्रोफेसर कॉमर्स में 80% कैंडिडेट जिनका सिलेक्शन हुआ वह जीजेयू यूनिवर्सिटी हिसार के ही हैं।

असिस्टेंट प्रोफेसर मैथमेटिक्स में भी 57 कैंडिडेट ऐसे हैं जिनके रोल नंबर एक दूसरे के आसपास है।

नायब तहसीलदार का एग्जाम जो एचपीएससी द्वारा कराया जाता है वह भी लीक हो गया है। जिसको मीडिया ने अच्छी तरह से कवर किया था लेकिन हैरानी की बात यह है इसके बावजूद भी कमीशन ने उसका रिजल्ट घोषित कर दिया है।

एग्जीक्यूटिव ब्रांच का एग्जाम है जिसमें

??बायोमेट्रिक स्कैनिंग जो की ग्रुप डी में भी कराई जाती है वह इस एग्जाम में कराई ही नहीं गई

?? कई जगह cctv कैमरें काम ही नहीं कर रहे थे

??कई जगहों पर थम्ब इंप्रेशन के लिए उपयोग की गई इंक परमानेंट वाली नहीं थी

??CSAT एग्जाम में इतनी ज्यादा गड़बड़ी है कि खुद बोर्ड ने भी इसे मानते हुए 11 प्रश्नों को डिलीट कर दिया है

??आठ प्रश्नों के लिए दिए गए विकल्प में से दो उत्तर सही बताए गए हैं

इसकी वजह से कोई भी विद्यार्थी फाइनल एग्जाम में अपने अंकों का अनुमान नहीं लगा पा रहा है।

प्रदर्शन में आए हर्षित ने कहा कि आयोग की परीक्षाओं से पारदर्शिता खतम होती जा रही है, दिन रात मेहनत करके पढ़ाई करने के बाद भी हम खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। आज हम बहुत मजबूर होकर न्याय की गुहार करते हुए सड़कों पर उतरे हैं।

युवा-हल्लाबोल के अंकित त्यागी ने कहा कि हम अभ्यर्थियों की मेहनत के साथ हो रहे अन्याय की निंदा करते हैं। सरकार जल्द से जल्द छात्रों के मांग को पूरा करे और उक्त परीक्षाओं को रद्द कर दुबारा करवाये, वरना युवा-हल्लाबोल प्रदेश भर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने को मजबूर होगा।