पाकिस्तान को कर्ज की जाल से निकालने की इमरान खान की कोशिश कहां तक होगा कामयाब?

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भारी मुसीबत में है पाकिस्तान। जिसे दोस्त समझता है, वह निभाता नहीं, जिससे दोस्ती ज़रूरी, उससे करता नहीं । सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के स्वागत में पलक पांवड़े बिछा दिए। चार दिन के लिए चार करोड़ रुपए की 300 आलीशान गाड़ियां किराए पर लीं।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, ये वही गाड़ियां थीं, जिन्हें इमरान खान की सरकार ने किफ़ायत के नाम पर बेचकर 18 करोड़ रुपए कमाए थे। फिर भी प्रिंस न पसीजे। आग भड़का कर चले गए। अब पाकिस्तान उसकी आग में झुलसेगा।

दरअसल, पाकिस्तान जितना क़र्ज़ के जाल से निकलने की कोशिश करता है, उतना ही उलझता जाता है । समझ में नहीं आ रहा कि यू टर्न प्राइम मिनिस्टर मियां इमरान ख़ान का क्या करे? अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति न समझने वाला प्लेबॉय जब प्रधानमंत्री बन जाता है तो ऐसा ही होता है।

आज पाकिस्तान के सारे जानकार इमरान की अक़्ल पर रो रहे हैं। सऊदी अरब के जिस क्राउन प्रिन्स के ख़िलाफ़ चार बरस पहले इमरान धरना – आंदोलन पर उतरे थे, अब उसी के क़सीदे पढ़े।

फिर भी काम न आए। चीन के राष्ट्रपति के खिलाफ़ भी 2014 में इमरान धरने पर बैठे थे। राष्ट्रपति को दौरा मुल्तवी करना पड़ा था। अब उसी चीन की गोद में जाकर बैठ गए। ऐसे अनाड़ी प्राइम मिनिस्टर का कोई देश आख़िर क्या कर सकता है?