पाकिस्‍तानी अंतरिक्ष यात्री नमीरा सलीम ने की चंद्रयान-2 की तारीफ, कही बड़ी बात !

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इसरो के चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के लैंडिंग से पहले संपर्क टूटने पर जहां पाकिस्‍तान के नेता और सेना के प्रवक्‍ता तंज कस रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसरो के इस अभियान की भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भी तारीफ हो रही है। भारत के इस अभियान की अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा ने भी तारीफ की है।

पाकिस्‍तान की अंतरिक्ष यात्री नमीरा सलीम ने भी भारत के इस अभियान की तारीफ है और बधाई दी है। इससे पता चलता है कि पाकिस्‍तान में उन्‍मादी नेताओं के बरक्‍स कुछ लोग ऐसे हैं, जो इस ऐतिहासिक उपलब्धि का महत्‍व समझते हैं। अंतरिक्ष यात्री नमीरा सलीम ने कहा कि मैं चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चांद के दक्षिण ध्रुव में सॉफ्ट लैंडिंग की ऐतिहासिक कोशिश के लिए इसरो और भारत को बधाई देती हूं।

नमीरा सलीम ने कहा है कि दक्षिण एशिया के लिए चंद्रयान-2 मिशन अंतरिक्ष के क्षेत्र में लंबी छलांग है। यह सिर्फ दक्षिण एशिया के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी वैश्विक अंतरिक्ष इंडस्ट्री के लिए गर्व का विषय है। नमीरा सलीम पाकिस्तान की पहली अंतरिक्ष यात्री हैं, जो सर रिचर्ड ब्रैनसन वर्जिन गैलेक्टिक के साथ अंतरिक्ष जाएंगी। सर रिचर्ड ब्रैनसन वर्जिन गैलेक्टिक दुनिया की पहली कॉमर्शियल स्पेसलाइन है।

इस बारे में नमीरा सलीम ने कहा कि अंतरिक्ष में सभी राजनीतिक सीमाएं खत्म हो जाती हैं। दक्षिण एशिया में अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतनी बड़ी उपलब्धि अद्भुत है। यहां यह मायने नहीं रखता है कि इसमें कौन सा देश नेतृत्व कर रहा है। अंतरिक्ष में सभी राजनीतिक सीमाएं खत्म हो जाती हैं. जो हमको धरती में बांटता है, उसको पीछे करके अंतरिक्ष हमको एकजुट करता है।

नमीरा सलीम अंतरिक्ष को लेकर अपनी आवाज मुखरता के साथ रखती हैं। वो धरती पर शांति बनाए रखने के लिए अंतरिक्ष में नया मोर्चा बनाने की पक्षधर हैं। पाकिस्तानी अंतरिक्ष यात्री नमीरा सलीम पृथ्वी पर शांति के लिए एक स्थायी साधन के रूप में अंतरिक्ष का उपयोग करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और नेताओं को सलाह देती हैं। नमीरा सलीम पहली पाकिस्तानी और मोनाको से पहली महिला हैं, जिन्होंने उत्‍तर ध्रुव और दक्षिण ध्रुव पहुंचने का कीर्तिमान रचा है। वह अप्रैल 2007 में उत्‍तर ध्रुव और 2008 में दक्षिणध्रुव पहुंचीं।