नरेन्द्र मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल प्रारम्भ हो चुका है और इसी के साथ संसद की कार्यवाही भी आरम्भ हो चुकी है। इसी क्रम में आज राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मिर्ज़ा ग़ालिब का यह शेर पढ़ते हुए विपक्षियों पर निशाना साधा
हालाँकि जो शेर पीएम ने राजसभा में पढ़ा वो शेर ग़ालिब का नहीं है. इसके बाद सोशल मीडिया में लोगों ने उनकी जम कर खिंचाई की.
अगर फैक्ट को देखें तो वह शेर ग़ालिब का नहीं है बल्कि सोशल मीडिया की उपज है.
शायद इसीलिए ग़ालिब ने कहा था कि
ताउम्र ग़ालिब ये भूल करता रहा, ताउम्र ग़ालिब ये भूल करता रहा,
धूल चेहरे पर थी और मैं आइना साफ़ करता रहा: पीएम मोदी
— BJP (@BJP4India) June 26, 2019
राज्यसभा में जब प्रधानमंत्री कांग्रेस पर हमला बोल रहे थे, तब उन्होंने एक शेर सुनाया. पीएम ने कहा.. शायद इसीलिए ग़ालिब ने कहा है..
‘ताउम्र ग़ालिब ये भूल करता रहा,
धूल चेहरे पर थी आईना साफ करता रहा’.
अगर ग़ालिब के शेरों पर नज़र डालें तो ये उनका है ही नहीं. प्रधानमंत्री के शेर सुनाने के बाद सोशल मीडिया पर इस पर चर्चा शुरू हुई और लोगों ने भी पीएम की इस गलती को उजागर किया.
The sher that the prime minister saheb has quoted in his Rajya Sabha speech is wrongly attributed to Ghalib in the Social media . Actually both the lines are not even in the proper meter .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) June 26, 2019
इतना ही नहीं बॉलीवुड लेखक और मशहूर शायर जावेद अख्तर ने भी ट्वीट किया. जावेद अख्तर ने लिखा कि जो शेर राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनाया है, वह ग़ालिब का है ही नहीं. वह सोशल मीडिया में गलत तरीके से फैलाया गया है. उन्होंने ये भी लिखा कि शेर की दोनों ही लाइनें शायरी के मीटर में सही तरीके से नहीं उतरती हैं.