दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के पिंगलान इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के दौरान सेना के 4 जवान शहीद हो गए वहीं एक जवान घायल है. सोमवार सुबह पुलवामा के पिंगलीना इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई थी जो अब भी जारी है. हमारे सहयोगी जी न्यूज के मुताबकि सुरक्षाबलों ने दो से तीन आतंकवादियों को घेर रखा है. घर में छिपे हुए आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के हैं जिसने गुरुवार को पुलवामा हमले को अंजाम दिया था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकवादी हमले में से एक में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे . पाक स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरे वाहन से बल के एक वाहन को टक्कर मार दी थी.
जम्मू-कश्मीर में पिछले पांच साल में देसी बम और अन्य बम विस्फोट लगातर बढ़े हैं. एनबीडीसी की रिपोर्ट इस बात का चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया गया है कि बीते साल 2018 में ऐसी घटनाएं 57 फीसदी बढ़ी हैं जबकि वाम चरमपंथ के क्षेत्रों और उग्रवाद प्रभावित पूर्वोत्तर में ऐसी घटनाएं घटी हैं.
Visuals: The 4 Army personnel including a Major, who were killed in action during encounter between terrorists and security forces, in Pinglan area of Pulwama district, belonged to 55 Rashtriya Rifles. #JammuAndKashmir (Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/Wa2sxz3bzT
— ANI (@ANI) February 18, 2019
पाकिस्तान और चीन की सीमा से सटे इस राज्य में 2014 में 37 बम (देशी बम एवं अन्य बम) धमाके, 2015 में 46 ऐसे बम धमाके, 2016 में 69 ऐसे बम धमाके, 2017 में 70 ऐसे बम धमाके और 2018 में 117 ऐसे बम धमाके हुए. एनएसजी के नेशनल बम डेटा सेंटर (एनबीडीसी) ने यहां दो दिवसीय सम्मेलन में इस संबंध में एक रिपोर्ट पेश की. हाल ही में यह सम्मेलन हुआ था. ब्लैक कैट कमांडो बल का एनबीडीसी सभी देशी बम और अन्य बम धमाकों पर एक राष्ट्रीय सूचना भंडार है. यह एक ऐसी इकाई है जो पुलवामा विस्फोट समेत सभी ऐसी घटनाओं की जांच भी करती है.