प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय को नोटबंदी से किसी की मौत की कोई सूचना नहीं !

,

   

भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यालय ने कहा है कि नोटबंदी के बाद हुई मौतों के बारे में उसके पास कोई सूचना नहीं है।

ग़ौरतलब है कि मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी जिसके तहत रातों रात 5,00 और 1,000 रुपये के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे।

प्रधानमंत्री कार्यालय में मुख्य जनसूचना अधिकारी (सीपीआईओ) ने केंद्रीय सूचना आयोग के समक्ष यह दावा किया कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि नोटबंदी के कारण किसी की मौत हुई हो।

हालांकि तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में 18 दिसम्बर 2018 को कहा था कि उपलब्ध सूचना के मुताबिक नोटबंदी के दौरान भारतीय स्टेट बैंक के तीन अधिकारी और इसके एक ग्राहक की मौत हो गई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक़, नोटबंदी से जुड़ी मौत पर सरकार की यह पहली स्वीकारोक्ति थी।

नोटबंदी के कारण, बैंकों के सामने लम्बी लम्बी क़तारों में लगने और विभिन्न कठिनाईयों का सामना करने से कई लोगों की मौत के ख़बरें मीडिया में आई थीं।

नीरज शर्मा ने पीएमओ में आरटीआई आवेदन देकर जानना चाहा था कि नोटबंदी के बाद कितने लोगों की मौत हुई थी और उन्होंने मृतकों की सूची मांगी थी।

प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्धारित 30 दिनों के अंदर जवाब नहीं मिलने पर शर्मा ने सीआईसी का दरवाजा खटखटाकर अधिकारी पर जुर्माना लगाए जाने की मांग की।

के ऐलान से नकदी संकट पैदा हो गया था। कई महीनों तक देशभर के बैंकों तथा एटीएम बूथों पर पुराने नोट बदलने के लिए लोगों की लंबी-लंबी क़तारें लगती रही थीं।