प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की बहन को हो सकती है 6 माह की सजा!

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आले सऊद परिवार दुनिया में अपनी दौलत, अहंकार, अत्याचार और क्रूरता के लिए जाना जाता है। इतिहास इस परिवार के अत्याचारों और अपराधों से भरा पड़ा है, लेकिन हालिया वर्षों में इस परिवार ने यमन के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़कर और उसकी घेराबंदी करके जो मानव विरोधी भंयकर युद्ध अपराध अंजाम दिए हैं, उसकी मिसाल इतिहास में मिलना मुश्किल है।

सऊदी शाही परिवार के आदेश पर ही इस देश के अधिकारियों ने पिछले साल अक्तूबर में इस्तांबुल स्थित कांसुलेट में पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी के शरीर के टुकड़े टुकड़े कर दिए थे। इसी हफ़्ते वाशिंगटन पोस्ट ने अपने एक संपादकीय में लिखा था कि सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान दूसरा सद्दाम बनने के मार्ग पर अग्रसर हैं।

यहां पर सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस तरह की हैवानियत केवल इस परिवार के पुरुषों से ही शेष नहीं है, बल्कि महिलाओं में भी ऐसी ही आदतें पाई जाती हैं और वे भी हर शक्तिशाली व्यक्ति के सामने नतमस्तक हो जाती हैं और कमज़ोर की खाल तक खींच लेती हैं।

इस परिवार के सदस्यों की यह एक ख़ास आदत रही है कि शक्तिशाली अमरीकी और पश्चिमी अधिकारियों के तलवे तक चाटने के लिए हाज़िर रहते हैं, लेकिन अपने से कमज़ोर व्यक्ति के साथ जनवरों से भी बदतर व्यवहार करते हैं।

उदाहरण स्वरूप, अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प आए दिन खुलेआम अरब शासकों का अपमान करते हैं और उन्हें दूध देने वाली गाय बताते हैं, लेकिन इन अरब शासकों के कान पर जूं तक नहीं रींगती है।

सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ की बेटी और युवराज मोहम्मद बिन सलमान की बहन हस्सा बिन्ते सलमान ने भी एक मज़दूर के साथ ऐसा ही क्रूर व्यवहार करके अपने परिवार के माथे पर एक और कलंक लगा दिया है।

फ़्रांस की राजधानी पेरिस में राजकुमारी हस्सा के ख़िलाफ़ उनके घर में काम करने वाले एक मज़दूर को अपशब्द कहने और अपने एक अंगरक्षक से उसकी पिटाई कराने के जुर्म में मुक़दमा दायर किया गया है, जिसकी सुनवाई उनकी अनुपस्थिति में जारी है।

पुलिसद्वारा दर्ज किए गए मुक़दमे में उल्लेख है कि 26 सितम्बर 2016 को हस्सा ने अपने निजी अपार्टमेंट में अपने अंगरक्षक को आदेश दिया था कि वहां काम करने वाले मज़दूर की पिटाई करे।

पेरिस के अटॉर्नी जनरल ने अदालत से मांग की है कि मज़दूर को अपशब्द कहने और उसकी पिटाई का आदेश देने के लिए राजकुमारी हस्सा को 6 महीने की क़ैद और 6 हज़ार यूरो के जुर्माने की सज़ा दे।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, 2017 में अदालत ने राजकुमारी हस्सा और उनके अंगरक्षक की गिरफ़्तारी का वारंट भी जारी किया था। अदालत का कहना है कि हस्सा ने मज़दूर को अपशब्द कहते हुए कहा था कि इसे कुत्ते की मौत मरना चाहिए, इसलिए कि इसे ज़िंदा रहने का कोई हक़ नहीं है। उसी के बाद उन्होंने अपने गार्ड को उसकी पिटाई का आदेश दिया था।

इस घटना से पता चलता है कि आले सऊद परिवार के राजकुमार और राजकुमारियां जब विदेशों में दूसरों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार करते हैं तो सऊदी अरब में इनके महलों में सेवा करने वाले सेवकों की क्या स्थिति होगी?