प्रिंस सलमान के सामने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाएगा भारत!

   

पाकिस्तान की यात्रा के बाद सऊदी अरब के शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान मंगलवार से दो दिनों की भारत यात्रा पर आ रहे हैं। इस दौरान भारत, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाएगा। साथ ही दोनों देश रक्षा संबंधों में बढ़ोतरी पर भी चर्चा करेंगे जिसमें संयुक्त नौसेना अभ्यास शामिल है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी। सऊदी अरब ने पुलवामा में 14 फरवरी को सुरक्षा बलों पर हुए आतंकी हमले पर कहा था कि वह आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ भारत की लड़ाई में साथ है और उसने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले को ‘कायरतापूर्ण’ बताते हुए उसकी निंदा की। गौरतलब है कि इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दक्षिण एशिया के दौरे की शुरुआत में रविवार को इस्लामाबाद पहुंचे शाहजादे सोमवार को सऊदी अरब लौट गए थे। भारत ने उनके पाकिस्तान से यहां के दौरे पर आने को लेकर आपत्ति जताई थी।

शाहजादे के दौरे से पहले सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल अल जुबैर ने सोमवार को कहा कि पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को रियाद “कम” कराने का प्रयास करेगा।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरब कश्मीर और सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के जुमलों को अब और स्वीकार नहीं कर रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा शाहजादे के बीच बुधवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की होने वाली वार्ता में भारत पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगा।

विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव टी एस त्रिमूर्ति ने बताया कि सऊदी नेता के दौरे में दोनों पक्षों के बीच निवेश, पर्यटन, आवास और सूचना तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में पांच समझौतों पर दस्तखत होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, “हमें विश्वास है कि इस दौरे से भारत-सऊदी द्विपक्षीय संबंधों में नये अध्याय की शुरुआत होगी।” सीमा पार आतंकवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “सऊदी अरब ने पुलवामा में 14 फरवरी को सुरक्षा बलों पर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। हम सुरक्षा और आतंकवाद निरोधक मामलों में उनके सहयोग की सराहना करते हैं।”

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरब, भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को जिस तरीके से देखता था उसमें “बदलाव” आया है और शक्तिशाली खाड़ी देश सीमा पार आतंकवाद को बेहतर समझता है।