बातचीत में पुरा भरोसा, लेकिन दबाव बर्दाश्त नहीं- हसन रुहानी

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राष्ट्रपति रूहानी ने कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान वार्ता में विश्वास रखता है लेकिन वह किसी के दबाव या इच्छाएं थोपने को स्वीकार नहीं करेगा।

डॉक्टर हसन रूहानी ने बुधवार को मंत्रीमंडल की बैठक में इस बात का उल्लेख करते हुए कि ईरानी राष्ट्र ने चालीस साल पहले जिस मार्ग का चयन किया था, अब भी पूरी मज़बूती से उसी राह पर चल रहा है, कहा कि 11 फ़रवरी की रैलियों में ईरानी राष्ट्र का एक अहम संदेश यह था कि बड़ी शक्तियों विशेष कर अमरीका के षड्यंत्र, जनता के संकल्प पर प्रभाव नहीं डाल सकते।

उन्होंने कहा कि दुश्मनों ने पिछले एक साल में ईरानी जनता को परेशान व निराश करने का निरंतर प्रयास किया लेकिन लोगों ने उन षड्यंत्रों का भरपूर मुक़ाबला किया है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि आज दुश्मन ने ईरानी राष्ट्र पर एक आर्थिक, प्रचारिक व मानसिक युद्ध थोप रखा है लेकिन ईरानी जनता एक बार फिर अपने स्वाभिमान, स्वाधीनता व सम्मान की रक्षा के लिए शत्रु के सामने डट गई है और वह उसके सामने घुटने नहीं टेकेगी क्योंकि शत्रु की मांगों का कोई अंत नहीं है। उन्होंने कहा कि ईरानी राष्ट्र ने 11 फ़रवरी के दिन बड़ी शक्तियों के दबाव के सामने अपनी शक्ति का भली भांति प्रदर्शन किया और क्रांति से अपनी वफ़ादारी पर बल दिया।