बिहार में चमकी बुखार से अब तक 140 बच्चों की मौत, घर छोड़ने को मजबूर सैकड़ों परिवार

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बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है. एक्यूट इन्सैफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़ कर अब 140 हो गयी है. मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में बुधवार को पांच और बच्चों की मौत हो गई. इन पांच बच्चों को मिलाकर उनके अस्पताल में मरने वाले बच्चों की संख्या अब 95 हो गयी है.

 

 वैशाली-मोतिहारी के हालात बदत्तर

 

राज्य में वैशाली के पास हरिंबशपुर में 10 बच्चों की मौत के बाद सैकड़ों परिवारों ने घर छोड़ दिया है. वहीं, मोतिहारी में भी चमकी बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. बुधवार को चमकी बुखार से पीड़ित 19 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

 

श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में 372 बच्चे भर्ती

 

श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में बुधवार को 22 और बीमार बच्चों को भर्ती कराया गया है. अब तक उनके अस्पताल में एईएस के कारण भर्ती कराए गए कुल बच्चों की संख्या 372 हो गयी है. स्वास्थ्य लाभ के बाद 118 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है. वहीं निजी केजरीवाल अस्पताल में मंगलवार की रात से एईएस पीड़ित दो और बच्चे भर्ती कराए गए.

 

मुजफ्फरपुर में की गई 11 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती

 

मंगलवार तक केजवरीवाल अस्पताल में 19 बच्चों की और पूर्वी चंपारण जिले में एक बच्चे की इस रोग से मौत हुई थी. राज्य के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि दरभंगा, सुपौल और मधुबनी के कुल 11 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती मुजफ्फरपुर में की गयी है. इसके अलावा अन्य जिलों में तैनात तीन बाल रोग विशेषज्ञों और 12 नर्सों को मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.

 

नेताओं पर लापरवाही बरतने का आरोप, शिकायत दर्ज

 

इस बीच एईएस रोग के कारण बड़ी संख्या में बच्चों की मौत को लेकर मुजफ्फरपुर निवासी मोहम्मद नसीम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और अश्विनी कुमार चौबे और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एक स्थानीय अदालत में शिकायत दर्ज कराई है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मामले की सुनवाई की तारीख 25 जून मुकर्रर की है.