बिहार में 100 से ज़्यादा बच्‍चों की मौत, दो मंत्रियों के खिलाफ केस दर्ज!

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मुजफ्फरपुर जिले की एक अदालत में सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन व बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ एक मामला दायर किया गया. इन पर एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएल) से बीते पखवाड़े में लापरवाही बरतने की वजह से 82 बच्चों की मौत का आरोप लगाया गया है. बता दें कि ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में मस्तिष्क ज्वर सहित अन्य अज्ञात बीमारी से अबतक 93 बच्चों की मौत हो चुकी है.

बता दें कि हर्ष वर्धन, उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे व बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने मुजफ्फरपुर में सरकारी श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का रविवार को दौरा किया.

सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुजफ्फरपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में सोमवार को मामला दायर किया. याचिका में कहा गया कि हर्ष वर्धन व मंगल पांडेय, एईएस प्रकोप को नियंत्रित करने की अपने ड्यूटी को पूरा करने में विफल रहे हैं. एईएस से बच्चों की सालों से मौत के बावजूद इन दोनों ने प्रभावित क्षेत्रों में लोगों में जागरूकता व संवेदनशीलता पैदा करने के लिए कुछ नहीं किया.

अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 24 जून की तारीख तय कर दी. हाशमी ने कहा कि उन्होंने आईपीसी की धारा 323, 308 व 504 के तहत आरोपी हर्ष वर्धन और मंगल पांडेय के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उन्होंने कहा, “लापरवाही व बुनियादी ढांचे की कमी की वजह से उचित इलाज नहीं मिलने से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है.”

हालात का जायजा लेने मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य को सभी संभव तकनीक और आर्थिक मदद का आश्वासन दिया .

हर्षवर्द्धन ने मेडिकल कालेज का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से कहा “मैं इस क्षेत्र के लोगों, विशेष रूप से प्रभावित परिवारों को विश्वास दिलाता हूं कि समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार को सभी संभव आर्थिक और तकनीकी सहयोग देगी .” उन्होंने इस रोग के कारण इस इलाके में पिछले कई वर्षों से हो रही बच्चों की मौत के मद्देनजर मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीमार बच्चों के लिए वर्तमान व्यवस्था को अपर्याप्त मानते हुए कहा कि यहां कम से कम सौ बिस्तरों वाला बच्चों का अलग से गहन चिकित्सा कक्ष बनना चाहिए .

हर्षवर्द्धन ने कहा कि उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को अगले साल तक युद्ध स्तर पर इसे तैयार कर लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि बिहार में चार—पांच जगहों पर स्टेट आफ दी आर्ट वाईरोलोजी प्रयोगशाला कुछ ही महीनों में पूरा कर लिया जाएगा.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर में एईएस से हुई बच्चों की मृत्यु पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने इस भयंकर बीमारी से मृत हुए बच्चों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से शीघ्र ही चार-चार लाख रुपए अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन एवं चिकित्सकों को इस भयंकर बीमारी से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश देने के साथ एईस से पीड़ित बच्चों के ज़ल्द स्वस्थ होने के लिये ईश्वर से प्रार्थना की है.