उत्तर प्रदेश में आम चुनाव से ठीक पहले भाजपा को अपने दोनों सहयोगियों अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) से हाथ धोना पड़ सकता है। राज्य सरकार और राज्य भाजपा से नाराज अपना दल की संरक्षक अनुप्रिया पटेल और अध्यक्ष आशीष पटेल ने गुरुवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ लंबी बैठक की है। प्रियंका के आवास पर हुई बैठक में दोनों नेताओं ने कांग्रेस से गठबंधन की संभावनाओं पर व्यापक विचार विमर्श किया है। दूसरी ओर एसबीएसपी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर भी सपा के संपर्क में हैं।
गौरतलब है कि भाजपा के दोनों सहयोगी अरसे से नाराज चल रहे हैं। अपना दल जहां लगातार राज्य सरकार और भाजपा की राज्य इकाई पर उपेक्षा का आरोप लगा रहा है। वहीं राजभर ओबीसी आरक्षण में बंटवारे के लिए गठित सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट में की गई सिफारिशें लागू करवाने पर अड़े हैं। अपना दल ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा 20 फरवरी तक विवाद के निपटारे के लिए दिए गए अल्टीमेटम केबावजूद कोई कदम न उठाने के बाद भावी विकल्प की तलाश शुरू की है। वहीं राजभर ने भाजपा अध्यक्ष की समिति की रिपोर्ट लागू करने से इंकार के बाद नये विकल्प को आजमाने की दिशा में आगे बढ़ रह हैं।
सूत्रों ने बताया कि अनुप्रिया-आशीष की प्रियंका के साथ हुई करीब तीन घंटे की मैराथन बैठक में गठबंधन की सभी संभावनाओं पर विचार किया गया। अंतिम निर्णय के लिए दोनों नेताओं ने कांग्रेस से एक हफ्ते का समय मांगा है। गौरतलब है कि इससे पहले अपना दल से सपा-बसपा की ओर से भी संपर्क साधा गया था। हालांकि तब अपना दल की ओर से इन्हें कोई सकारात्मक संदेश नहीं दिया गया था। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक अगर गठबंधन हुआ तो पार्टी की अगुवाई में बनने वाले गठबंधन को अनुप्रिया के रूप में ओबीसी वर्ग का एक बड़ा चेहरा मिल जाएगा। कांग्रेस ने ऐसे बड़े ओबीसी चेहरे का अभाव है। जबकि अपना दल का एक बड़ा धड़ा लंबी राजनीति केलिए कांग्रेस का हाथ थामने का पक्षधर है।