भारत को स्वस्थ और हार्दिक बनाने के मिशन पर निकले गिनीज रिकॉर्ड होल्डर

   

गुरुग्राम, 12 जून । कोविड के कारण लगे लॉकडाउन से लोगों के स्वास्थ्य और फिटनेस गतिविधियों पर भारी असर पड़ रहा है, महामारी के चलते लोग घरों में कैद हैं, एमए मुतरेजा, जिन्होंने दो साल पहले गिनीज रिकॉर्ड बनाया था। वह भारत को पिस्सू की तरह फिट बनाने के मिशन पर निकल पड़े हैं।

42 वर्षीय मुतरेजा ने 14 जुलाई, 2019 को गुरुग्राम में एक घंटे (टीम) – 55,475 में सबसे अधिक फुल नी स्ट्राइक के साथ गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड बनाकर देश का नाम रौशन किया था।

गिनीज रिकॉर्ड होल्डर एक फिटनेस ट्रेनर भी है और अपने फिट इंडिया मिशन के लिए काम कर रहे हैं। वह पिछले एक दशक से अधिक समय से इस पर अथक प्रयास कर रहे हैं।

फिटनेस प्रशिक्षण की दुनिया में मुतरेजा ने बहुत ही कम समय में अपनी उपलब्धियां हासिल की हैं।

इस दौरान उन्होंने कहा, विश्व रिकॉर्ड बनाने के पीछे मेरा उद्देश्य आज के व्यस्त जीवन में स्वास्थ्य और फिटनेस के महत्व के बारे में समाज को जागरूक करना था। फिट इंडिया सिर्फ एक मिशन नहीं है। लोगों को स्वस्थ और फिट जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना मेरा जुनून है।

फिटनेस फ्रीक वर्तमान में मानेसर स्थित एक फर्म के साथ काम कर रहे हैं और अपने काम के घंटों के बाद वह छात्रों, युवाओं और अन्य लोगों को फिटनेस प्रशिक्षण देते हैं। वह छात्रों और युवाओं को मार्शल आर्ट, आत्मरक्षा, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की ट्रेनिंग देते हैं।

प्रशिक्षण और शारीरिक फिटनेस के साथ-साथ शारीरिक फिटनेस पर मुर्तोजा का शोध भी कुछ पत्रिकाओं में प्रकाशित हुआ है, जिनमें इंजीनियरिंग साइंस एंड कंप्यूटिंग (आईजेईएससी) के इंटरनेशनल जर्नल और इंजीनियरिंग रिसर्च एंड मैनेजमेंट (आईजेआईईआरएम) में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इनोवेशन शामिल हैं।

उन्होंने कोविड के दौरान आई चुनौतियों से निपटने के लिए समाज की मदद भी की है।

मुतरेजा ने कहा, व्यायाम महामारी के दौरान या सामान्य समय में भी जरूरी है। रोजाना शारीरिक व्यायाम करना हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह, मोटापा, जोड़ों के दर्द और अन्य बीमारियों और जीवनशैली विकारों जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने का एक तरीका है।

उन्होंने यह भी कहा, आज के समय में लोगों को फिटनेस प्रेरणा और उचित मार्गदर्शन की जरूरत है और मुझे इसमें योगदान देने में खुशी हो रही है। मुझे लगता है कि प्रत्येक नागरिक को फिट इंडिया की अवधारणा को अपनाने की जरूरत है, जो स्वस्थ और हार्दिक समाज की कुंजी है।

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