मदीना से आये मेहमानों का भारत के मुसलमानों ने जमकर की खातिर!

   

सऊदी अरब के शहर मदीना के दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को दारुल उलूम का दौरा किया। इससे पूर्व देवबंद आगमन पर प्रतिनिधिमंडल का अलग अलग स्थानों पर जोरदार स्वागत भी किया गया।

मंगलवार को देवबंद पहुंचे सऊदी अरब के इस्लामिक स्कॉलर शेख अब्दुल मोहम्मद बिन अब्दुल अजीज अल मदनी और शेख मोहम्मद हमदी ने विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम का दौरा किया।

यहां उन्होंने जिम्मेदारों से मुलाकात करते हुए संस्था में दी जानी वाली तालीम और उलमा-ए-देवबंद के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की और प्रसिद्ध मस्जिद रशीदिया में जौहर की नमाज अदा की। इसके उपरांत प्रतिनिधिमंडल का लबकरी मार्ग स्थित मदरसा जामिया शेखुल हिंद व ईदगाह रोड पर सपा नेता कारी राव साजिद के आवास पर स्वागत किया गया।

इस दौरान शेख अब्दुल मोहम्मद बिन अब्दुल अजीज अल मदनी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बुजुर्गों की नगरी देवबंद में आकर गर्व महसूस हो रहा है। हिंदुस्तान में जो प्यार और मोहब्बत मिली उसका अहसास कहीं और नहीं हुआ।

उन्होंने दुनियाभर में मुसलमानों पर हो रहे जुल्म ज्यादतियों पर कहा कि मुसलमानों को सब्र और नरमी से काम लेने की जरूरत है। क्योंकि इस तरह के वाक्ये हुजूर पाक के जमाने में भी हुआ करते थे, लेकिन उन्होंने कभी इस पर सख्ती नहीं दिखाई।

इसलिए अच्छा मोमिन होने के लिए इन चीजों का होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि हुजूर पाक ने मुसलमानों को बेहतरीन उम्मत से चुना है इसलिए अच्छे अमल जारी रखें और बुरे कामों से परहेज करें। क्योंकि इतिहास गवाह है कि जब जब मुसलमानों पर जुल्म हुए और उन्होंने इसे खामोशी से बर्दाश्त किया तो जुल्म करने वाले खुद ही इमान ले आए।

शेख अब्दुल अजीज ने कहा कि मुसलमानों की जिम्मेदारी है कि पूरे दुनिया में आपसी सौहार्द और अमन का पैगाम फैलाएं। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया की तमाम परेशानियों का समाधान इस्लाम और कुरआन से संभव है। इस मौके पर ऑल इंडिया जमीयत राजपूत के अध्यक्ष मौलाना कारी मुस्तफा, राव मशकूर, मुफ्ती असद कासमी आदि मौजूद रहे।

साभार- ‘अमर उजाला’