मध्य प्रदेश : हनीट्रैप केस सामने आई नहीं कहानी, बड़े-बड़े चेहरे हो सकते है बेनकाब !

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इंदौर: सत्ता में सुरा और सुंदरी का हमेशा बोलबाला रहा है। यह सिलसिला अब भी जारी है। मध्य प्रदेश में हनीट्रैप गिरोह के खुलासे ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भले ही सत्ताधारी दल बदल जाए, मगर नेताओं के चरित्र में बदलाव नहीं आने वाला। सोशल मीडिया पर हुस्न की मलिकाओं की तमाम नेताओं के साथ वाली वायरल हो रहीं तस्वीरें तो कम से कम यही साबित कर रही हैं।

राज्य में प्रेमजाल में नेताओं और नौकरशाहों को फंसाने वाले गिरोह की पांच महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया जा चुका है। तीन महिलाएं तो जेल में हैं, मगर जो दो महिलाएं पुलिस के शिकंजे में हैं, वे नित नए राज खोल रही हैं। उन्होंने पुलिस से पूछताछ में यह माना है कि उन्होंने बड़े पैमाने पर नेताओं और नौकरशाहों को अपना शिकार बनाया है। पुलिस के हाथ 100 से ज्यादा फोन नंबर और कई वीडियो क्लिप भी आई हैं, जो इस गिरोह के अपराध करने की शैली का खुलासा करती हैं।

इंदौर नगर निगम के एक इंजीनियर हरभजन सिंह ने तीन करोड़ रुपये मांगे जाने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। मांगी गई रकम की पहली किस्त लेने आई दो महिलाओं और उनके वाहन चालक को पुलिस ने हिरासत में लिया था, उसके बाद तीन अन्य महिलाओं को भोपाल से गिरफ्तार किया गया।

हनीट्रैप गिरोह का खुलासा होने के बाद एक तरफ पुलिस की तहकीकात आगे बढ़ रही है तो दूसरी ओर नेताओं से करीबी रिश्तों का खुलासा हो रहा है। बीते दो दिनों में सोशल मीडिया पर पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी और महिला नेत्रियों के साथ इन महिलाओं की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। ये तस्वीरें बताती हैं कि इस गिरोह की महिलाओं की राजनीतिक दलों में गहरी पैठ है। पूर्ववर्ती सरकार में इनकी दखलंदाजी थी तो वर्तमान सरकार में भी उनके रिश्ते कमजोर नहीं हैं।

अब तक पुलिस के अंदरखाने से जो बातें सामने आ रही हैं, वे यह बताने के लिए काफी हैं कि इन महिलाओं का पूर्ववर्ती सरकार के मंत्रियों, वर्तमान सरकार के मंत्रियों और दोनों प्रमुख दलों-भाजपा और कांग्रेस के नेताओं से नाता रहा है। राज्य में बड़े मलाईदार पदों पर हुई नियुक्तियों में भी इन महिलाओं का दखल रहा है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि पकड़ी गईं अधिकांश महिलाएं छोटे शहरों से नाता रखती हैं और बीते कुछ सालों के अंदर भोपाल में आ बसी हैं। इन महिलाओं के पास न तो कोई राजनीतिक अनुभव रहा है और न ही उनकी कोई ऐसी हैसियत रही है, जिसके बल पर वे राजधानी में पैर जमा पातीं। इन महिलाओं ने कुछ राजनेताओं से संपर्क के बल पर ही राजधानी में अपनी जमीन तैयार की। पकड़ी गई हर महिला से किसी न किसी बड़े नेता का जुड़ाव होने की बातें सियासी गलियारों में आजकल चटखारे लेकर सुनाई जा रही हैं।

राज्य के पूर्व गृहमंत्री व भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह का कहना है कि पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करके बड़ा काम किया है। इस मामले की जांच एसटीएफ या सीबीआई से कराई जाए ताकि, इससे जुड़े व्यक्ति सामने आ जाएं, क्योंकि इस गिरोह से संपर्क रखने वाले कई नेताओं और अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं।

वहीं, राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने भाजपा पर हमला बोला और पकड़ी गईं महिलाओं के भाजपा के पूर्वमंत्री से जुड़े होने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि आने वाले दिनों में सबकुछ सामने आ जाएगा।

सूत्रों का दावा है कि पकड़ी गईं महिलाओं का नेटवर्क सिर्फ इतना नहीं है, जो सामने आया है। पुलिस को जानकारी हाथ लगी है कि इस गिरोह में 30 से ज्यादा महिलाएं हैं, जो रहती दूसरे शहरों में हैं, मगर इन्हें समय-समय पर भोपाल लाया जाता था। इनके फोन नंबर भी पुलिस को मिल गए हैं। पकड़ी गई महिलाओं से बरामद मोबाइल और लैपटॉप आदि से मिली जानकारी कई बड़े राज खोल सकती है। पुलिस को बड़ी संख्या में वीडियो और ऑडियो क्लिप भी मिले हैं, इसका परीक्षण कराया जा रहा है। उसके बाद ही कई बड़े लोगों के चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।