मुजफ्फरनगर दंगा- अदालत ने कवाल कांड के सभी 7 दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

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मुजफ्फरनगर कवाल कांड में मलिकपुरा के ममेरे भाइयों सचिन और गौरव की हत्या के केस में एडीजे कोर्ट संख्या-7 ने सभी सात हत्यारों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। न्यायाधीश हिमांशु भटनागर ने सभी हत्यारों पर 14 लाख 84 हजार रुपये जुर्माना भी किया है।

27 अगस्त, 2013 को जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में यह दोहरा हत्याकांड बर्बर तरीके से अंजाम दिया गया था। पांच साल चली सुनवाई के बाद छह फरवरी को अदालत ने सभी सातों आरोपियों को दोषी करार दिया था। सुरक्षा व्यवस्था के साथ कचहरी में फैसले को लेकर गहमागहमी रही।

सात सितंबर, 2013 को मुजफ्फरनगर का दंगा कवाल में सचिन और गौरव की पीट पीटकर की गई हत्या के बाद ही भड़का था। जिले की जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में 27 अगस्त, 2013 को यह लोमहर्षक वारदात हुई थी। बीते पांच साल चली सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायालय संख्या-7 ने सभी सात हत्यारों को छह फरवरी को दोषी करार दिया था। अदालत ने सजा सुनाने की तारीख आठ फरवरी मुकर्रर की थी।

बता दें कि फैसले को लेकर शुक्रवार को सुबह से भी कचहरी परिसर में भारी भीड़ थी। कोर्ट में पूर्वाह्न 11.45 बजे सभी मुजरिम पेश किए गए। अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की सजा के प्रश्न पर 18 मिनट बहस चली। तीन घंटे के अंतराल के बाद न्यायाधीश हिमांशु भटनागर ने 3.20 बजे बहुप्रतीक्षित कवाल के दोहरे हत्याकांड का फैसला सुनाया।

वहीं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र कुमार त्यागी और आशीष त्यागी और वादी के अधिवक्ता अनिल जिंदल ने बताया कि अदालत ने सचिन और गौरव के हत्या के मामले में सभी सातों कातिलों मुजस्सिम और उसके भाई मुजम्मिल पुत्र नसीम अहमद, फुरकान पुत्र फजला, जहांगीर और उसके भाई नदीम पुत्र सलीम, अफजाल और उसके भाई इकबाल पुत्र बुंदू निवासीगण कवाल को उम्र कैद की सजा सुनाई है। मुजरिमों पर 14 लाख 84 हजार का अर्थदंड लगाया है, जिसमें प्रत्येक पर अलग-अलग धाराओं में कुल 2.12 लाख का जुर्माना किया गया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से 80 प्रतिशत की राशि मृतकों के परिजनों को अदा करने का आदेश दिया है। सजा सुनाए जाने के बाद सभी मुजरिमों को कड़ी सुरक्षा में जेल भेज दिया गया।