मुस्लिम समझ कर जबरन लगवाया ‘जय श्री राम’, ठेले वाले ने सुना दी रामायण की चौपाई

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झारखंड के जामताड़ा में जय श्री राम का नारा लगाने का नया मामला सामने आया है. इस बार नारा लगाने का यह मामला बेहद अलग है. जामताड़ा में कुछ युवकों ने फल बेचने वाले एक युवक से जब जय श्री राम का नारा लगाने को कहा तो युवक ने रामायण की एक चौपाई ही सुना दी.

दरअसल यह घटना रविवार की है. जब कार सवार युवकों ने फल विक्रेता से जय श्री राम का नारा लगाने को कहा तो उन्होंने यह चौपाई सुना दी, ‘बैर न कर काहू सन कोई, राम प्रताप विषमता खोई’. रामचरित मानस में इस चौपाई का उल्लेख है जो बैर दूर करने के लिए संदेश देती है.

चौपाई सुनते ही युवकों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई. इसके बाद तब तक वहां भीड़ जुटने लगी थी जिसे देखकर युवक वहां से फरार हो गए.

क्या है पूरा मामला

फल विक्रेता का नाम मोहनलाल है. जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह यहां मस्जिद रोड पर सड़क के दोनों साइड फल विक्रेताओं ने अपने-अपने ठेले लगा रखे थे. वहां से गाडियां निकल रहीं थी. तभी एक काले रंग की कार वहां पहुंची.

उस कार में चार लोग सवार थे. कार सवार लोगों ने फल विक्रेता से कहा कि वह अपना ठेला सड़क से लें, कार निकलने की जगह नहीं है. फल विक्रेता मोहनलाल ने कहा मालिक और भी गाड़ियां इस रास्ते से आ-जा रही हैं. कहीं जाम नहीं लग रहा. आपकी कार भी निकल जाएगी. ठेला हटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

इतना सुनकर कार सवार युवकों ने बहस शुरू कर दी और इसके बाद जय श्रीराम बोलने को कहा. फिर क्या था फल विक्रेता मोहनलाल ने न केवल जय श्री राम का नारा लगाया बल्कि रामचरित मानस की चौपाई भी सुना दी.

मोहनलाल ने बताया चौपाई का अर्थ

बुजुर्ग ने इस चाैपाई की महत्ता भी कार सवार लाेगाें काे समझाई. उन्हाेंने बताया कि श्री राम का धर्म कहता है कि किसी से बैर नहीं करो. राम से प्रेम करने वाले विषमता व आंतरिक भेदभाव नहीं फैलाते, बल्कि मिटाते हैं.

कार सवारों की तलाश जारी

पुलिस ने बताया कि बुजुर्ग का नाम मोहनलाल है. कार सवारों ने मोहनलाल को अन्य समुदाय का समझ लिया था और जबरन जय श्रीराम के नारे लगाने को कहा. अब पुलिस उन कार सवारों को खोज रही है, जिन्होंने आपसी सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश की है.