17वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि वह संसद भवन के अंदर धार्मिक नारों को लगाने की इजाजत नहीं देंगे।
बिड़ला ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि संसद नारे लगाने, प्लेकार्ड दिखाने या वेल में आने वाली जगह है। इसके लिए एक जगह है जहां वह जाकर प्रदर्शन कर सकते हैं। लोग कुछ भी कहना चाहते हैं, जो भी आरोप लगाना चाहते हैं, चाहे वह सरकार पर हमला करना चाहते हैं तो वह कर सकते हैं लेकिन उन्हें गैलरी में आकर यह सब नहीं करना चाहिए।’
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इस बात का आश्वासन दे सकते हैं कि इस तरह की नारेबाजी दोबारा नहीं होगी तो उन्होंने मना कर दिया।
56 साल के बिड़ला ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि ऐसा दोबारा होगा या नहीं लेकिन मैं नियमानुसार संसद को चलाने की कोशिश करुंगा। जय श्रीराम, जय भारत, वंदे मातरम् के नारे एक पुराने मुद्दे हैं। बहस के दौरान यह अलग होते हैं। हर बार अलग परिस्थितियां होती हैं। परिस्थितियां क्या हैं इसका निर्णय अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति द्वारा किया जाता है।’
जब उनसे पूछा गया कि संसद में अपने भाषण के दौरान उन्होंने वंदे मातरम् क्यों कहा तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, ‘किसने कहा कि हम वंदे मातरम् और भारत माता की जय नहीं बोल सकते हैं।’