मोदी सरकार में एक राफेल की कीमत 2007 की तुलना में 42 फीसदी ज्यादा: मीडिया रिपोर्ट

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राफेल का भूत मोदी का सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता’ करने का आरोप लगाते हुए शु्क्रवार को मोदी सरकार से पूछा है कि जब एयरफोर्स को 126 एयरक्राफ्ट की जरुरत थी, तो क्यों सरकार ने सिर्फ 36 राफेल विमानों का सौदा किया गया है।

चिदंबरम का यह बयान उस वक्त आया है, जब इंग्लिश न्यूजपपेर ‘द हिंदू’ ने अपनी रिपोर्ट में मोदी सरकार में प्रत्येक एयरक्राफ्ट की कीमत 41.42 फीसदी पिछली डील से ज्यादा बताया है। कांग्रेस ने भी इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है।

1 एयरक्राफ्ट की कीमत 127.86 मिलियन यूरो: रिपोर्ट द हिंदू की रिपोर्ट को आधार पर बनाकर चिदंबरम ने सरकार को एक बार फिर घेरा है। प्रेस कांफ्रेंस में चिदंबरम ने सरकार से सीधा सवाल पूछा है कि जब एयरफोर्स को 126 एयरक्राफ्ट की जरुरत थी, तो क्यों सरकार ने 36 एयरक्राफ्ट का सौदा किया है।

चिदंबरम ने कहा कि इस सवाल का शुरू से ही खंडन किया गया और कभी इसका जवाब नहीं दिया गया। इस रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार एक एयरक्राफ्ट के लिए 127.86 मिलियन यूरो दे रही है।

हम जेपीसी पर अड़े: कांग्रेस चिदंबरम ने आरोप लगाया है कि सरकार ने न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया है, बल्कि दसोल्ट से खरीदे जा रहे 36 एयरक्राफ्ट में प्रत्येक एयरक्राफ्ट के लिए 186 करोड़ से भी ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं। चिदंबरम ने आगे कहा, ‘एनडीए सरकार में हुई राफेल एयरक्राफ्ट सौदे पर ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (जेपीसी) की जांच पर कोई शक नहीं होना चाहिए। कांग्रेस अपनी संवैधानिक जेपीसी की मांग को फिर से दोहराती है।’

क्या है ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट में द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, 2007 में फ्रांस कंपनी दसोल्ट एविएशन के साथ कांग्रेस गठबंधन वाली यूपीए सरकार ने 126 एयरक्राफ्ट के लिए समझौता हुआ था, जिसमें प्रत्येक एयरक्राफ्ट की कीमत 79.3 मिलियन यूरो पड़ रही थी। इस डील के मुताबिक, 126 में से 108 एयरक्राफ्ट फ्रांस की मदद से हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को इन्हें भारत में बनाकर तैयार करना था।

उसके बाद जब यह डील 2011 में पहुंची तब तक प्रति एयरक्राफ्ट की रेट 100.85 मिलियन यूरो पहुंच गई। उसके बाद 2016 में सरकार ने 2011 में एनडीए सरकार में हुए सौदे से 9 फीसदी डिस्काउंट पाकर फ्रांस की दसोल्ट कंपनी से 36 एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए सौदा किया, जिसके मुताबिक प्रति एयरक्राफ्ट की कीमत 91.75 मिलियन यूरो पड़ रही थी। लेकिन इस सौदे में ‘डिजाइन की डिवलपमेंट’ की वजह से प्रति एयरक्राफ्ट की कीमत 2007 की तुलना में 41.42 फीसदी बढ़ गई। इस हिसाब से प्रति एयरक्राफ्ट की कीम 127.86 मिलियन यूरो पहुंच गई।