यूपी: मथुरा में दबंगों ने नहीं निकलने दी दलित की बारात, बिना बैंडबाजा के विदा हुई दुल्हन

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उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के नौहझील थाना क्षेत्र के एक गांव में कुछ दबंगों ने अनुसूचित जाति समुदाय की युवती की बारात नहीं चढ़ने दी, जिसके बाद उन्होंने बिना बारात चढ़ाए ही शादी कर दी और सुबह दूल्हा, दुल्हन को विदा कराकर ले गया. दुल्हन के चाचा ने थाना नौहझील में 12 लोगों के खिलाफ तहरीर दी है, जिस पर पुलिस मामले की जांच कर रही है. मांट के पुलिस उपाधीक्षक का कहना है कि जानकारी मिलने पर पुलिस की पीआरवी टीम तथा उप निरीक्षक मौके पर पहुंचे और विवाह की प्रक्रिया अपनी उपस्थिति में शांतिपूर्वक सम्पन्न करा दी थी.

उन्होंने कहा, ‘यदि दुल्हन के चाचा की तहरीर के अनुसार उनका कथन सत्य पाया गया तो उसके लिए कानून सम्मत कार्यवाही की जाएगी, लेकिन इस मामले में यह भी पता चला है कि जिस रास्ते से बारात निकल रही थी, वहां कुछ बाराती ऊॅंची आवाज में डेक बजाकर नशे में झूमते हुए चल रहे थे.’ अधिकारी ने बताया, ‘‘इस कारण हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को परेशानी होने पर आवाज कम करने को कहा गया था. इसी बात पर आपसी विवाद पैदा हुआ जिसे पुलिस ने तुरंत ही मौके पर पहुंचकर शांत करा दिया.’’

गौरतलब है कि यह मुसमुना गांव का मामला है. जहां वाल्मीकि समाज के वादी के अनुसार रविवार की रात उनके यहां आई बारात को गांव के दबंगों ने चढ़ने नहीं दिया. ट्रैक्टर-ट्राली लगाकर बारात को रास्ते में ही रोक दिया. युवती के चाचा का कहना है कि पुलिस बुलाए जाने के बाद भी वे लोग नहीं माने तो मजबूरन बारात की चढ़ाई रद्द कर विवाह की बाकी रस्में सम्पन्न कराकर सुबह लड़की को विदा कर दिया गया. बता दें कि इस तरह का ये पहला मामला नहीं है. कई इलाकों में आज भी दलितों को घोड़ी नहीं चढ़ने दिया जाता या बरात नहीं चढ़ने दी जाती है. छुआछूत और भेदभाव के कई मामले सामने आ चुके हैं.