राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच दिल्ली हिंसा पर गुरुवार को चर्चा के लिए सहमति बनने के बाद उच्च सदन की कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। होली के बाद उच्च सदन की शुरुआत होते ही विपक्ष ने दिल्ली हिंसा पर हंगामा जारी रखा।
उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष दिल्ली हिंसा पर बुधवार को ही चर्चा कराने पर अड़ गया। विपक्ष खत्म हो रहे दो अध्यादेशों पर भी चर्चा चाहता था। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा समेत टीएमसी ने दिल्ली हिंसा पर चर्चा का प्रस्ताव दिया।
हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित हुई। इस बीच उप सभापति हरिवंश ने अपने चैंबर में दोनों पक्षों के सदस्यों की एक बैठक बुलाई जिसमें दोनों अध्यादेशों समेत दिल्ली हिंसा पर गुरुवार को चर्चा की सहमति बनी। तीसरी बार स्थगित होने के बाद जब सदन दोपहर 3:40 पर शुरू हुआ तो संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक में बनीं सहमति का एलान किया।
जिसके बाद सदन दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। उच्च सदन में गुरुवार को सुबह दिवालियापन संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2019 और खनिज कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2020 पर बहस होगी और उसके बाद दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। इससे पहले वामदलों ने मलयालम के दो चैनलों पर लगाए गए प्रतिबंधों का मुद्दा उठाया था। वहीं कुछ कांग्रेस सदस्यों ने मध्यप्रदेश में राजनीतिक संकट का मुद्दा उठाया था।