राष्ट्रपति ट्रंप की मौजूदगी में UAE और बहरीन ने इस्राइल से किया समझौता !

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अरसे से चली आ रही दुश्‍मनी को भुलाकर अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने रिश्तों को सामान्य करने के लिए यूएई और बहरीन ने इस्राइल से ऐतिहासिक करार किए हैं। इस करार के दौरान इस्राइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू, यूएई के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नहयान, और बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल्ला लतीफ बिन राशिद अल जयानी ने अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते को अब्राहम (या इब्राहीम) संधि का नाम दिया गया है। इन समझौतों से अमेरिका को ईरान के खिलाफ अरब देशों की कड़ी में इन दो मुस्लिम देशों को साथ लाने में कामयाबी मिली है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस ऐतिहासिक समझौते को ‘नए मिडल ईस्ट का आगाज’ बताया है। उन्हें उम्मीद है कि इससे न सिर्फ पश्चिम एशिया में नई व्यवस्था का सूत्रपात होगा बल्कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए शबाब पर पहुंचे प्रचार के बीच उनकी छवि शांति लाने वाले एक नायक की होगी। इन समझौतों के बाद यूएई और बहरीन अरब राष्ट्रों के तीसरे और चौथे देश हो गए हैं। इनसे पहले 1979 में मिस्र और 1994 में जॉर्डन से शांति समझौतों पर दस्तखत हुए थे। फॉक्स न्यूज चैनल से बातचीत में ट्रंप ने कहा, उम्मीद है कि कई और अरब देश रिश्तों को सामान्य करने के लिए इस्राइल से समझौते करेंगे। संभवत: फलस्तीन भी इस कड़ी में शामिल हो सकता है या फिर हाशिए पर चला जाएगा। माना जा रहा है कि इन समझौतों से ट्रंप ईरान पर दबाव बना सकेंगे।

13 अगस्त को इजरायल- यूएई समझौते की घोषणा की गई थी जबकि इजरायल बहरीन समझौते का ऐलान पिछले हफ्ते किया गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर इन ऐतिहासिक समझौतों की नींव पड़ी। यह समझौता कराने में राष्ट्रपति के सलाहकार और दामाद जैरेड कुशनर ने अहम भूमिका निभाई है। यूएई और बहरीन के नेताओं से फोन पर बात करने के बाद ट्रंप ने खुद दोनों समझौतों की घोषणा की है। व्हाइट हाउस समारोह में यूएई के वली अहद (उत्तराधिकारी) के भाई एवं देश के विदेश मंत्री हिस्सा लेंगे। वहीं बहरीन का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री करेंगे। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इसे उल्लेखनीय उपलब्धि बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पश्चिम एशिया में शांति के लिए हालात तय किए हैं, यह असल प्रगति है।