रॉ के पूर्व चीफ का बयान- सुरक्षा में चूक की वजह से हुआ पुलवामा अटैक

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देश की खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व चीफ विक्रम सूद ने कहा है कि पुलवामा हमले के पीछे सुरक्षा में चूक भी एक वजह है। सूद ने रविवार को कहा कि इस तरह का हमला बिना सुरक्षा में चूक के नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ हमलावर ही नहीं और भी कई लोग शामिल होंगे। वह यह तो नहीं कह सकते कि कहां कमी हुई लेकिन चूक तो हुई है।

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग रॉ के पूर्व चीफ के अनुसार, जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुआ आतंकवादी हमला किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि समूह का काम है।

हैदराबाद में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए विदेशी खुफिया (गतिविधियां)’ विषय पर एक संगोष्ठी में शरीक होने के बाद मीडिया से कहा कि पुलवामा की पूरी घटना को किसी एक व्यक्ति ने अंजाम नहीं दिया….इसके पीछे पूरी टीम लगी होगी।

यह कोई बॉक्सिंग मैच नहीं कि मुक्के के बदले मुक्का चले

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना सुरक्षा में कहीं किसी प्रकार की खामी के बिना नहीं होती। उन्हें सीआरपीएफ के वाहनों की आवाजाही के बारे में जनकारी थी। इसे अंजाम देने के पीछे लोगों का समूह रहा होगा।

भारत को इस पर क्या जवाब देना चाहिए, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह कोई बॉक्सिंग मैंच नहीं है…मुक्के के बदले मुक्का नहीं चलेगा। प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि समय और स्थान का चुनाव सुरक्षा बल करेंगे।

…तो इसलिए मसूद अजहर की ढाल बन रहा चीन

जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित कराने के लिए चीन के अड़ंगे पर उन्होंने कहा कि चीन पाकिस्तान के अनुरोध पर ऐसा कर रहा है। जब मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने की बात आती है तो संयुक्त राष्ट्र में केवल चीन ही उनकी रक्षा करता है।

रॉ के पूर्व प्रमुख ने दावा किया कि चीन ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि उसे आशंका है कि शिंजियांग प्रांत के इस्लामिक संगठन पाकिस्तान के आतंकवादियों से संपर्क कर सकते हैं। खुफिया सेवा से 31 वर्ष तक जुड़े रहे सूद ने कहा कि यह एक दूसरे को फायदा पहुंचाने जैसा है।

उन्होंने कहा कि चीन पाकिस्तान के लिए यह करेगा…और पाकिस्तान यह सुनिश्चित करेगा कि उसके आतंकवादी उनके लिए शिंजियांग में मुश्किले नहीं खड़ा करें।

‘कश्मीर समस्या पर पार्टी नहीं भारतीय होकर सोचना होगा’

कश्मीर की समस्या के सवाल पर सूद ने कहा कि हमें यह तय करना होगा कि क्या रुख अपनाना है। हमें किसी पार्टी की नहीं भारतीय की तरह सोचना होगा। सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद लगातार इस बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर 2500 जवानों के काफिले में सुरक्षा को लेकर चूक कैसे हुई, जिसके चलती आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब हो गया।

मालूम हो कि बीते 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार के आत्मघाती हमले में 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए।