विवादित नागरिकता विधेयक: असम में बीजेपी नेता ने उठाए सवाल

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बीजेपी विधायक पद्मा हजारिका ने रविवार को कहा कि अवैध प्रवासियों की पहचान और उन्हें उनके मुल्क वापस भेजने के लिए असम समझौते में तय की गई 24 मार्च 1971 की समय सीमा का सम्मान किया जाना चाहिए और इसमें किसी भी कीमत पर बदलाव नहीं किया जाना चाहिए।

सोणितपुर जिले में सूटी विधानसभा क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए हजारिका ने कहा कि वह विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक को स्वीकार नहीं करेंगे।

इस विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिये कट ऑफ तारीख 31 दिसंबर 2014 करने का समर्थन किया गया है।

संपर्क किए जाने पर हजारिका ने कहा, ‘‘यह पंचायत चुनाव के विजेताओं को सम्मानित करने के लिये पार्टी की बैठक थी। कुछ लोग मौजूदा हालात पर मेरी राय जानना चाहते थे।

चूंकि मैं असम आंदोलन का सक्रिय सदस्य रहा था, जिसके बाद असम समझौता हुआ था, इसलिये मैं नहीं चाहूंगा कि समझौते का उल्लंघन हो।’’ उन्होंने कहा कि वह असम समझौते में किसी भी बदलाव के पक्ष में नहीं हैं।

हजारिका ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि असम समझौते का सम्मान किया जाए.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी पार्टी द्वारा लाए गए विधेयक के खिलाफ हैं तो उन्होंने कोई भी सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि असम समझौते का सम्मान किया जाना चाहिए।

हजारिका सत्तारूढ़ बीजेपी के पहले विधायक हैं जिन्होंने गत 8 जनवरी को लोकसभा में विधेयक के पारित होने के बाद इसके प्रावधानों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बोला है।

साभार- ‘ज़ी न्यूज़’