शादी के 16 साल बाद शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करना तलाक का आधार नहीं : मद्रास हाईकोर्ट

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मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक आदेश में कहा कि शादी के 16 साल बाद जीवन साथी द्वारा शारीरिक संबंध बनाने से मना कर दाम्पत्य सुख में सहयोग से इनकार करना तलाक का आधार नहीं हो सकता है। फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ इरोड निवासी एक शख्स की याचिका को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी की है।

फैमिली कोर्ट ने अक्टूबर 2016 में पत्नी द्वारा शारीरिक संबंध बनाने से मना करने के आधार पर तलाक देने से इनकार कर दिया था। कृष्णराज नाम के शख्स ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

मद्रास उच्च न्यायालय में जस्टिस आर सुबैया और सी सर्वानन की खंडपीठ ने कहा, “याचिकाकर्ता का दावा ऐसा नहीं है कि उसका विवाह पूर्ण ही नहीं हुआ हो और पत्नी ने विवाह के तुरंत बाद संबंध बनाने से इनकार कर दिया हो। विवाह के 16 साल बाद यह दावा नहीं किया जा सकता कि उसे दाम्पत्य सुख से वंचित रखा गया और यह क्रूरता थी।’

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी चचेरी बहन के साथ अवैध संबंध रखकर अपनी पत्नी के साथ क्रूरता की है। उसने चचेरी बहन को 200 से 300 टैक्स्ट मैसेज भेजे। यह दिखाता है कि वह उस पर विवाह के लिए दबाव बना रहा था। ऐसी परिस्थिति में याचिकाकर्ता ही गलत है।

फैमिली कोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए हाईकोर्ट ने कहा, “हो सकता है कि पत्नी ने शारीरिक अक्षमता या बच्चों के प्रति समर्पण के चलते संबंध बनाने से इनकार किया हो। उम्र के साथ ऐसा स्वाभाविक है। याचिकाकर्ता उम्र के साथ आने वाले बदलाव स्वीकार करने को तैयार नहीं है।”